FATF की मीटिंग से पहले Pakistan की खुली पोल, 21 खतरनाक आतंकियों को दे रहा VIP ट्रीटमेंट
इस्लामाबाद। आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान दुनिया के सामने तो साफ बनने की कोशिश करता है लेकिन छिपकर आतंकवाद को शह देता रहता है। आतंक पर पाकिस्तान की ये दोहरी नीति एक बार फिर से उजागर हुई है। एक खुलासे में पता चला है कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार और वहां की सेना ऐसे 21 आतंकवादियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है जो दुनिया में आतंक फैलाते हैं। इनमें कई नाम ऐसे हैं जिनकी भारत को भी तलाश है। इनमें कुख्यात आतंकी दाउद इब्राहीम और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का रंजीत सिंह नीता शामिल है। ये खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान के भविष्य को लेकर जल्द ही FATF की बैठक होने वाली है।
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21 आतंकियों को मुहैया करा रहा सुरक्षा
पाकिस्तान के सिर पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की तलवार लटकी हुई है लेकिन पाकिस्तान है कि अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के इस पाखंड से परेशान है जिसमें वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा करता है लेकिन पीछे से उन्हें फंडिंग करता है। पाकिस्तान सरकार 21 खतरनाक आतंकियों को वीआईपी सुरक्षा मुहैया करा रही है। इनमें वे आतंकी भी शामिल हैं जिन पर पिछले महीने ही प्रतिबंध लगाए गए थे।
लिस्ट में कई आतंकी भारत में वांटेड
पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकियों की ऐसी ही एक सूची समाचार एजेंसी एएनआई के हाथ लगी है। सूची के मुताबिक वीआईपी ट्रीटमेंट पाने वाले आतंकवादियों में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, वाधवा सिंह, बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख, इंडियन मुजाहिदीन (IM) का चीफ रियाज भटकल, आतंकी मिर्जा शादाब बेग और आफिस हसन सिद्दीपा के नाम शामिल हैं। इनमें से कई आतंकवादी भारत में वांटेड हैं। पाकिस्तान उन्हें शरण दे रहा है। भारत बार-बार कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकी समूहों को प्रायोजित और प्रशिक्षित कर भारत के युद्ध छेड़ रहा है। इस सूची के सामने आने से एक बार पाकिस्तान फिर से बेनकाब हुआ है।
पिछले महीने ही जारी की थी 88 आतंकियों की सूची
विशेषज्ञों का मानना है कि FATF के प्रतिबंधों से बचने के लिए आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने का दिखावा कर रहा है। पिछले हफ्ते ही इमरान खान सरकार ने पाकिस्तान में रह रहे 88 खतरनाक आतंकियों की लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में भारत में मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम का नाम भी शामिल था। पाकिस्तान ने बताया कि दाऊद के पास 14 पासपोर्ट और कराची में तीन घर हैं। इस सूची में जमात-उद-दावा के हाफिज सईद अहमद, JeM के मोहम्मद मसूद अजहर और जकीउर रहमान लखवी और इब्राहिम के नाम भी हैं। पाकिस्तान ने दावा किया था कि वह इन आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है लेकिन अभी तक वह कार्रवाई का कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं कर सका है।
ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए परेशान है पाकिस्तान
दरअसल पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए परेशान है। FATF ने 2018 से ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है। ग्रे लिस्ट में होने का मतलब है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक मदद नहीं मिल सकती। साथ ही ये भी डर है कि FTAF कहीं पाकिस्तान को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में न डाल दे। अगर ऐसा होता है तो पहले से ही आर्थिक संकट और कर्ज में घिरे पाकिस्तान के लिए संभल पाना मुश्किल हो जाएगा। पाकिस्तान सोच रहा है कि इस तरह आतंकियों के नाम सामने लाकर वह ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है। टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 27 पॉइंट का डिमांड लेटर दिया था। अगर पाकिस्तान ने टास्क फोर्स की शर्तें नहीं मानीं, तो वह ब्लैक लिस्टेड हो सकता है।
FATF की 27 में 13 शर्तें अभी भी पूरी नहीं
पाकिस्तान को जून में ही FATF की सभी शर्तों को पूरा करना था लेकिन अभी तक पाकिस्तान इसे पूरा नहीं कर सका है। एफएटीएफ की अगली बैठक अक्टूबर में होने वाली है। जुलाई के अंत में पाकिस्तान फाइनेंशियल मॉनिटरिंग यूनिट के महानिदेशक लुबना फारूख ने नेशनल असेंबली की स्टैंडिंग कमेटी ऑन फाइनेंस को बताया था कि आतंकी वित्त पोषण की FATF की 27 सूत्रीय कार्ययोजना में से 13 को पूरा किया जाना अभी बाकी है।
एक तरफ पाकिस्तान ग्रे सूची से निकलने के लिए छटपटा रहा है वहीं दूसरी तरफ आतंकी समूहों को वीआईपी ट्रीटमेंट देने से बाज भी नहीं आ रहा है।
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