भारत से डरता है पाकिस्तान, अस्तित्व बचाने को कर रहा नये परमाणु बमों का निर्माण, यूएस रिपोर्ट में दावा
वॉशिंगटन, मई 20: अमेरिका खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि, भारत के खिलाफ अस्तित्व बचाने के लिए पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के भंडार को और भी ज्यादा विस्तार देगा, क्योंकि पाकिस्तान को डर है, कि भारत उसके अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, साल 2022 मे भी पाकिस्तान अपने परमाणु भंडार में मौजूद परमाणु हथियारों को अपग्रेड करेगा।

पेंटागन की शीर्ष खुफिया जानकारी
पाकिस्तान को लेकर ये सनसनीखेज खुलासा पेंटागन के शीर्ष खुफिया विभाग ने की है और कहा है कि, पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को अपग्रेड करने के साथ साथ उन हथियारों को चलाने के लिए ट्रेनिंग आयोजित कर सकता है और अपनी परमाणु क्षमताओं का आधुनिकिकरण करने वाला है। अमेरिकी खुफिया विभाग ने कहा कि, पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के भंडार का विस्तार और उसे अपग्रेड इसलिए करना चाहता है, क्योंकि इसे वो अपने अस्तित्व को बचाने का की कुंजी मानता है। इस खुफिया रिपोर्ट को लेकर जानकारी अमेरिका के सांसदों को दी गई है।

यूएस संसद को दी गई जानकारी
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने अमेरिकी संसद की सुनवाई के दौरान अमेरिकी सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति को बताया है कि, भारत के साथ पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंध उसकी रक्षा नीति को आगे बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान "भारत के परमाणु शस्त्रागार और पारंपरिक बल की श्रेष्ठता को देखते हुए परमाणु हथियारों को अपने राष्ट्रीय अस्तित्व की कुंजी मानता है। बेरियर ने कहा कि पाकिस्तान अपने तैनात हथियारों के साथ प्रशिक्षण आयोजित करके और 2022 में नई डिलीवरी प्रणाली विकसित करके अपनी परमाणु क्षमताओं का आधुनिकीकरण और विस्तार करना जारी रखेगा।

भारत-पाकिस्तान में तनावपूर्ण हालात
अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि, "फरवरी 2019 में कश्मीर में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद से भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं"। उन्होंने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि (जिसमें 40 भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हुए थे) कि "नई दिल्ली के अगस्त 2019 में कश्मीर में अनुच्छेज 370 की स्थिति को खत्म करने तनाव को और बढ़ा दिया है। लेकिन, फरवरी 2021 के बाद से सीमा पार हिंसा में कमी आई है, जब दोनों देशों ने युद्धविराम पर तैयार हो गये। बेरियर ने कहा कि, भारत और पाकिस्तान ने तब से लंबे समय तक चलने वाले राजनयिक समाधान की दिशा में सार्थक प्रगति नहीं की है।"

परमाणु हथियारों का जखीरा बना रहा पाकिस्तान
आपको बता दें कि, पिछले साल सितंबर महीने में एक अमेरिकी बुलेटिन में कहा गया था कि, पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर हथियारों की संख्या तेजी से आगे बढ़ा रहा है। अमेरिका स्थिति 'बुलेटिन ऑफ द एटोमिक साइंटिस्ट' ने 9 सितंबर 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा था कि, पाकिस्तान लगातार परमाणु हथियार तैयार कर रहा है, जिसमें न्यूक्लियर वारहेड्स, डिलिवरी सिस्टम भी शामिल हैं। इस बुलेटिन को 1945 में उस मशहूर वैज्ञानिक ने शुरू किया था, जो ''मैनहट्टन प्रोजेक्ट'' को डिजाइन और विस्तार देने में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके तहत विश्व का पहला परमाणु बम तैयार किया गया था। इस बुलेटिन में साफ-साफ कहा गया है कि पाकिस्तान काफी तेजी से न्यूक्लियर हथियार विकसित कर रहा है और 2025 तक पाकिस्तान के बाद 200 से ज्यादा परमाणु बम हो जाएंगे।

दुनिया के लिए खतरा है पाकिस्तान
बुलेटिन में कहा गया था कि 'ये पूरी तरह से साफ है कि पाकिस्तान लगातार परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने में लगा हुआ और अगर अभी के आंकड़ों की बात की जाए तो पाकिस्तान के पास फिलहाल 165 परमाणु हथियार हो चुके हैं। पिछले साल के शुरूआती महीनों में पब्लिश एक रिपोर्ट का हवाला देकर रिपोर्ट में कहा गया था कि, साल 2020 के अंत तक पाकिस्तान ने 690 ग्राम ट्रिटियम विकसित कर लिया था, जिससे करीब 100 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं।

भारत के खिलाफ 'कोल्ड स्टार्ट'
अमेरिकी बुलेटिन में पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि 'गैर-रणनीतिक परमाणु हथियारों का निर्माण पर पाकिस्तान ने विशेष जोर भारत को ध्यान में रखते हुए दिया है, जिसका मकसद ये है कि अगर भारत पहले कार्रवाई करता है तो जवाब दिया जा सके।'' पूर्व पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि 'भारत पाकिस्तान को चारों तरफ से घेरने में लगा हुआ है और भारत के पास बड़े पैमाने पर पारंपरिक हमला करने वाले हथियार हैं, और पाकिस्तान का मकसद ये है कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है या फिर घुसपैठ करने की कोशिश करता है तो पाकिस्तान उसपर प्रतिक्रिया दे सके'।
भारत
को
0
मिलियन
की
सैन्य
मदद
ऑफर
करेगा
अमेरिका,
क्या
'दोस्त'
पुतिन
से
दूर
होंगे
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मोदी?