पाकिस्तान को सता रहा ब्लैकलिस्ट होने का डर, विधेयक लाकर हाफिज सईद के संगठन को हमेशा के लिए बैन की तैयारी में सरकार
इस्लामाबाद। भारत और इंटरनेशनल कम्युनिटी के दबाव में आने के बाद डैमेज कंट्रोल मोड में पहुंचा पाकिस्तान अब मुंबई हमलों का मास्टर माइंड हाफिज सईद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ ड्राफ्टिंग बिल तैयार कर रहा है। पाकिस्तानी न्यूज पेपर द डान के मुताबिक, पाकिस्तान को एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में शामिल करने के बाद शाहिद खकान अब्बासी सरकार हाफिज सईद के जमात-उद-दावा संगठन के अलावा टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डेटाबेस लिस्ट तैयार कर रही है। इसी साल फरवरी में फ्रांस में अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखा गया था।
द डान की रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया बिल उस अध्यादेश की जगह लेगा, जिसे राष्ट्रपति ममनून हुसैन द्वारा पास किया गया था। राष्ट्रपति ने आतंकवाद निरोधक अधिनियम (एटीए), 1997 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सूचीबद्ध समूहों में शामिल संस्थाओं को शामिल करने के लिए संशोधन किया था, लेकिन यह 120 दिनों में समाप्त हो जाएगा। डान की खबर के मुताबिक, प्रस्तावित मसौदा बिल को रविवार को शुरू होने वाले राष्ट्रीय असेंबली सत्र में पेश होने की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि इस बिल को सेना की सहायता लेकर तैयार किया जा रहा है, जिसने हमेशा हाफिज सईद का समर्थन किया है।
यह नया विधेयक जांच अधिकारियों को आतंकवाद मामलों के अलावा उनके फाइनेंसियल लिंक की जांच करने में मदद करेगा। वहीं, दूसरी ओर जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद ने इस बिल के विरोध में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा है कि यहां की सरकार बाहरी (भारत-अमेरिका) दबावों में आकर इस प्रकार के कदम उठा रही है।
पाकिस्तान में इस साल जुलाई में आम चुनाव होने वाले हैं, वहीं दूसरी ओर लश्कर ए-तैयबा का चीफ और यूएस द्वारा आतंकी संगठन घोषित हाफिज सईद की मिल्ली मुस्लिम लीग पार्टी को रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव आयोग के आदेश को खारिज कर सईद को इलेक्शन में भाग लेने की अनुमति दी है, लेकिन सरकार इस निर्णय से काफी सहमी हुई है।
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