क्या पाकिस्तान बनने जा रहा है अगला उत्तर कोरिया?
इस्लामाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की अफगानिस्तान पॉलिसी और आतंकवाद को लेकर जोरदार आलोचना की थी। इसके बाद मंगलवार को भी यूएस डिफेंस के एक ऑफिशियल की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि पाक की टॉप खुफिया एजेंसी ISI के लिंक टेरर ग्रुप से है। नॉर्थ कोरिया के बाद अमेरिका अगर किसी दूसरे देश से परेशान है तो वो है पाकिस्तान। पाकिस्तानी अखबार डॉन के प्रमुख कॉलमनिस्ट मुनीर अकरम ने लिखा है कि अब तक पाकिस्तान को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ा है लेकिन जल्द ही ईरान और नॉर्थ कोरिया जैसे हालातों का सामना करना पड़ सकता है।
पाक की अफगानिस्तान पॉलिसी पर US खफा
अकरम के अनुसार, पाकिस्तानी डिप्लोमेट्स को लगता है कि वॉशिंगटन के साथ रिश्तें ठंडे होने के बावजूद भी काम को बनाए रखा जा सकता है। यह देखा गया है कि अफगानिस्तान के लिए यूएस की नई रणनीति को लेकर पाकिस्तान ने असहमति जताई है। पाकिस्तान कभी भी नहीं चाहेगा कि अफगानिस्तान में भारत की भूमिका हो। पाकिस्तान चाहता है कि इस्लामिक स्टेट, अलकायदा, तेहरीक-ए-तालिबान, जमातुल अहरर और बलुचिस्तान लिब्रेशन आर्मी को खत्म करने के लिए निरंतर संघर्ष के बजाय काबुल (सरकार) और अफगान तालिबान के बीच एक राजनीतिक समझौता हो जाना चाहिए।
US ने भारत को स्ट्रैटजिक पार्टनर चुना, पाक को होगा नुकसान
अकरम अपने आर्टिकल में लिखते हैं कि चीन की बढ़ती ताकतों को देखते हुए अमेरिका ने भारत को अपना रणनीतिक साझेदार के रूप ने चुन लिया है। जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा साबित होगा, फिर चाहे वो यूएस के लिए अप्रासंगिक भी क्यों ना हो। अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी ने हाल ही में भारत की यात्रा की जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान में सहयोग के लिए अपने रणनीतिक गठबंधन को और ज्यादा मजबूत करने की बात की।
न्यूक्लियर पॉवर से कुछ नहीं होगा, प्रतिबंध अलग से लग जाएगा
अकरम ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए लिखा है कि पाक सिर्फ एक ही सोर्स के आधार पर भारतीय डिक्टेट का विरोध और अमेरिकी रणनीतिक योजना से असहमत हो सकता है और वो है- न्यूक्लियर और मिसाइल कैपेबिलिटीज। इसके बावजूद भी पाकिस्तान को इराक जैसा हमला और इरान जैसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। यहां तक कि नॉर्थ कोरिया की तरह अलग-थलग करने की कोशिश भी की जा सकती है।
पाक के परमाणु हथियार के खात्मे के लिए इंडो-यूएस की रणनीति
अकरम ने अपने आर्टिकल में दावा किया है पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को नष्ट करने के लिए अमेरिका और भारत मिलकर काम कर रहे हैं। इस बीच, इंडिया के परमाणु हथियार, मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाने और इसके अलावा एयर, नवल के साथ-साथ भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में वृद्धि करने के लिए सक्रिय रूप से अमेरिका सहायता कर रहा है। उन्होंने कहा है कि क्रेडिबल और नॉ सीक्रेट रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने संकट में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को जब्त करने या उन्हें नष्ट करने के लिए भारत के साथ काम शुरू कर दिया है।
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