तालिबान को पाकिस्तान ने दिया बहुत बड़ा धोखा? एक हफ्ते में अफगानिस्तान में बदल गया पूरा खेल
पिछले एक हफ्ते में अफगानिस्तान में गेम बदल गया है और यूएस लगातार एयरस्ट्राइक कर रहा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान ने अमेरिका को एयरबेस दे दिया है।
इस्लामाबाद/वॉशिंगटन, जुलाई 27: अफगानिस्तान में तालिबान पर अमेरिका के लड़ाकू विमान लगातार हवाई हमले कर रहे हैं, और देखते ही देखते अफगानिस्तान में गेम पलट चुका है। एक बार फिर से तालिबान के हाथों से मुकाबला निकलता दिखाई दे रहा है। पिछले एक हफ्ते में अफगानिस्तान की आर्मी एक बार फिर बड़ा बढ़त बनाती नजर आ रही है और उसे अमेरिकी फोर्स से मदद मिल रही है, लेकिन अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या तालिबान के खिलाफ ऑपरेशन में पाकिस्तान गुपचुप तरीके से अमेरिका की मदद कर रहा है? खुफिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान तालिबान के साथ डबल गेम खेल रहा है।
तालिबान को भारी नुकसान
पिछले हफ्ते तक तालिबान ने अफगानिस्तान के 417 जिलों में से 200 से ज्यादा दिलों पर कब्जा कर लिया था और माना जा रहा था कि बहुत जल्द तालिबान राजधानी काबुल तक पहुंच जाएगा। कंधार प्रांत के कई जिलों पर नियंत्रण जमाना तालिबान के लिए बहुत बड़ी कामयाबी थी। लेकिन, कंधार में तालिबान को करारा जवाब मिलना शुरू हो गया। अफगानिस्तान में एक बार फिर से अमेरिका एक्शन में आ चुका है और अमेरिकी एयरस्ट्राइक काफी तेजी के साथ शुरू हो गये हैं।
तालिबान पर एयरस्ट्राइक
अमेरिकी वायु सेना संख्या लगातार तालिबान के टार्गेट पर सटीक निशाना बनाकर हमले कर रही है, जिससे तालिबान को भारी नुकसान पहुंचा है। अफगानिस्तान सेना के मुताबिक, पिछले चार दिनों में तालिबान के एक हजार से ज्यादा लड़ाके मारे जा चुके हैं, वहीं कई जिलों से तालिबान अपना नियंत्रण खो चुका है। तालिबान के लड़ाकों पर आसमान से आग के गोले दागे जा रहे हैं और उनकी निगरानी सैटेलाइट से की जा रही है। वहीं, अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या अमेरिका पाकिस्तान की मदद से तालिबान पर हवाई हमले कर रहा है?
कौन कर रहा है अमेरिका की मदद?
दरअसल, जिन देशों के साथ अफगानिस्तान की सीमा लगती है, वो हैं ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ईरान, पाकिस्तान और चीन। अमेरिका को ईरान, चीन, ताजिकिस्तान या किसी अन्य देश से हवाई हमलों के लिए मदद नहीं मिल सकती है। ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान रूस के प्रभाव में रहते हैं, लिहाजा सिर्फ पाकिस्तान ही बचा है, जो तालिबान पर हवाई हमले के लिए अमेरिका को एयर स्पेस दे सकता है। आपको बता दें कि दो महीने पहले मई के महीने में ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान ने अमेरिका को अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी दावा किया था कि अमेरिका को कुछ शर्तों के साथ पाकिस्तान सैन्य अड्डा देने के लिए तैयार हो गया है। ऐसे में इसका सीधा सा मतलब है कि पीएम इमरान खान तालिबान के साथ दोहरा खेल खेल रहे हैं।
तालिबान के साथ 'डबल गेम'
आपको बता दें कि पिछली बार भी पाकिस्तान ने बेहद चोरी-छिपे अमेरिका को सैन्य अड्डा दिया था और 3 सालों के बाद खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान ने अमेरिका को हवाई अड्डा दे रखा है। ऐसे में एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर तालिबान के ऊपर अमेरिका कहां से एयरस्ट्राइक कर रहा है? पिछले एक हफ्ते में अमेरिका ने तालिबान के कई ठिकानों को एयरस्ट्राइक में तबाह कर दिया है और अचानक से अफगानिस्तान में पूरा गेम पलटता दिखाई दे रहा है। तालिबान के कई नेता जो लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, वो भी दिखाई देने बंद हो गये हैं। ऐसे में बार बार शक पाकिस्तान की तरफ जा रहा है कि क्या पाकिस्तान ने अमेरिका को अपना सैन्य अड्डा दे दिया है?
और तेज होगा एयरस्ट्राइक
इसके अलावा अमेरिका ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि तालिबान के खिलाफ अब काफी तेजी से हवाई हमले किए जाएंगे। अमेरिकी सेना के जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि अफगानिस्तान सेना के समर्थन में हमले जारी रहेंगे। पिछले 30 दिनों में अमेरिकी सेना ने तालिबान पर 10 से ज्यादा एयरस्ट्राइक किए हैं। कंधार में एक अमेरिकी हवाई हमले में पांच तालिबान आतंकवादी मारे गए, जबकि अमेरिका ने वारदाक प्रांत में कई तालिबान तोपखानों को बर्बाद कर दिया है। अमेरिका ने शाह वाली कोट में दो हवाई हमले कर हथियारों से लदे 10 ट्रकों को उड़ा दिया है। जिसके बाद पाकिस्तान में ही कई लोगों को शक हो रहा है कि तालिबान पर हमलों के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया जा रहा है।
तालिबान के नियंत्रण में ज्यादातर हिस्सा
अफगानिस्तान में ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित हो चुका है और अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पाकिस्तान पर तालिबान को हथियारों की आपूर्ति करने का आरोप लगाया है। ऐसे में एक तरफ पाकिस्तान हथियार भेजकर अफगानिस्तान की जंग में तालिबान की मदद कर रहा है तो दूसरी तरफ आशंका जताई जा रही है कि वह तालिबान पर अमेरिकी हवाई हमले में मदद कर दोहरा खेल खेल रहा है। वहीं, एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर पाकिस्तान का ये डबल गेम एक्सपोज होता है तो इसका बेहद खराब खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि बौखलाया तालिबान सबसे पहले पाकिस्तान को ही नुकसान पहुंचाएगा।
अफगानिस्तान में पलटने लगी बाजी, तालिबान को पिछले 4 दिनों में भारी नुकसान, जानिए आज की स्थित