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तालिबान का आधिकारिक 'भिखारी' बना पाकिस्तान, वैश्विक समुदाय के सामने विदेश मंत्री ने फैलाया कटोरा

पानी पी-पीकर अमेरिका को कोसने वाले पाकिस्तान ने जैसे ही देखा कि चीन ने तालिबान की मदद करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं, ठीक वैसे ही गिरगिट की तरह रंग बदलकर पाकिस्तान ने बाइडेन की तारीफ शुरू कर दी है।

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न्यूयॉर्क, सितंबर 22: तालिबान को आप जितना मर्जी कोस लें, लेकिन तालिबान की इस बात के लिए तो तारीफ करनी पड़ेगी, कि उसने एक एटमी मुल्क को अपना 'आधिकारिक भिखाड़ी' बना रखा है। अभी तक आपने तालिबान के नेताओं के मुंह से मदद की बात करते नहीं सुना होगा, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी लगातार तालिबान के लिए दुनिया के सामने भीख मांग रहे हैं। पानी पी-पीकर अमेरिका को कोसने वाला पाकिस्तान बार बार अमेरिका के सामने ही कटोरा फैला रहा है और इस बार यूनाइटेड नेशंस के मंच से पाकिस्तान ने भीख मांगा है।

तालिबान का भिखारी बना पाकिस्तान!

तालिबान का भिखारी बना पाकिस्तान!

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को अफगानिस्तान में विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए अफगान तालिबान की सराहना की है और दुनिया से फरियाद लगाई है कि, इस महत्वपूर्ण मोड़ पर तालिबान को नहीं छोड़ना चाहिए और उसकी मदद करनी चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार कहते रहे हैं कि वो तालिबान के प्रवक्ता नहीं हैं, लेकिन उनकी हर तकरीर तालिबान को लेकर होती है, जिसमें वो तालिबान का पक्ष रख रहे होते हैं। जबकि, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने साफ चेतावनी दे रखी है कि तालिबान को हर तबके को सरकार में शामिल करना होगा, तभी दुनिया उसकी तरफ मदद का हाथ बढ़ाने की सोच भी सकती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अवसर पर फॉरेन प्रेस एसोसिएशन को संबोधित करते हुए कहा कि, "मेरी जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान में सरकार का विस्तार हो रहा है और अन्य जातियों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है।"

तालिबान के प्रवक्ता पाकिस्तानी विदेश मंत्री

तालिबान के प्रवक्ता पाकिस्तानी विदेश मंत्री

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह तय करना मुश्किल था कि बात करने वाला तालिबान का नेता है या फिर पाकिस्तान का विदेश मंत्री। जो दुनिया के सामने तालिबान का कटोरा अपनी हाथों में लेकर इधर-उधर भाग रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि, "अगर यह रिपोर्ट सही है तो वे सामूहिकता और समावेशिता की ओर बढ़ रहे हैं, जो सही दिशा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफगानिस्तान में एक व्यापक राजनीतिक समाधान की बात कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों का कोई स्थान नहीं है।" यानि, पाकिस्तान के विदेश मंत्री वैश्विक मंच पर बकौल तालिबान के प्रवक्ता की तरफ उसकी अच्छाइयों को गिनाने की कोशिश कर रहे थे, जबकि, असलियत ये है कि तालिबान में किसी भी दूसरी जाति, मजबह या महिलाओं को जगह नहीं दी गई है। लेकिन, पाकिस्तानी विदेश मंत्री झूठ पर झूठ बोले जा रहे थे।

अमेरिका के चरणों में लेटे

अमेरिका के चरणों में लेटे

पिछले दो महीने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हों, या फिर पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी हों, या फिर पाकिस्तान के एनएसए मोइद यूसुफ हो या फिर पाकिस्तान सरकार के कोई मंत्री...ये सभी लोग लगातार अमेरिका को गाली दे रहे थे। इन्हें लग रहा था कि तालिबान की मदद चीन करेगा और चीन से भारी-भरकम पैसा तालिबान को मिल जाएगा। लेकिन, चीन ने एक अठन्नी तक तालिबान को भीख में नहीं दी। जिसके बाद अब एक बार फिर से पाकिस्तानी 'भिखारियों' मे यू-टर्न ले लिया और अमेरिका की तारीफ में पुल बांधनी शुरू कर दी। पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा किस ''अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद अमेरिका द्वारा अपनी सेना को वापस लेने का यह सही निर्णय था, क्योंकि वाशिंगटन के अनुसार अफगानिस्तान में उसका मिशन पूरा हो गया है।'' कुरैशी ने कहा कि, ''पाकिस्तान की तरह अफगानिस्तान के सभी पड़ोसी देश में शांति चाहते हैं।''

तालिबान की तारीफ पर तारीफ

तालिबान की तारीफ पर तारीफ

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि, तालिबान की युद्ध की समाप्ति, मानवाधिकारों के सम्मान और माफी की घोषणा उत्साहजनक है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर अफगानों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अफगान महिलाओं को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। कुरैशी ने कहा कि 20 साल पहले ऐसा संभव नहीं था, यह एक संकेत है कि अफगानिस्तान में चीजें बदल रही हैं। जिनेवा में अफगानिस्तान को 1.2 अरब डॉलर की मानवीय सहायता के बंटवारे का स्वागत करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानों की अमेरिका में जमा हुई संपत्ति देश को मानवीय संकट से बाहर निकालने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान पिछले चार दशकों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद के बिना 30 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने दुनिया को चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान में हालात बिगड़े तो शरणार्थियों के आने का खतरा बढ़ जाएगा।

''सब भारत की साजिश है''

''सब भारत की साजिश है''

तालिबान के लिए 'भिखारी' बन चुके पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि, पाकिस्तान और अधिक शरणार्थियों को वहन नहीं कर सकता। कुरैशी ने कहा कि, पाकिस्तान ने काबुल से विभिन्न देशों के राजनयिक कर्मचारियों और नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए अप्रतिबंधित मदद की, लेकिन दुर्भाग्य से, पाकिस्तान के सकारात्मक प्रयासों की सराहना नहीं की गई। आखिर में पाकिस्तानी विदेश मंत्री भारत का नाम नहीं लेना भूले। हर बात में भारत की साजिश खोजने वाले पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने एक बार फिर से कहा कि, ''भारत पाकिस्तान में अस्थिरता पैदा करना चाहता है।'' उन्होंने कहा, "भारत ने हमारे खिलाफ अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किया, जिसका सबूत हमने दुनिया के सामने पेश किया है।" "हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं। लेकिन, शांति की हमारी इच्छा के जवाब में भारत ने 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर में स्थिति को बढ़ाने के लिए एकतरफा कदम उठाए हैं।"

लिबान का 'भिखारी' क्यों बना पाकिस्तान?

लिबान का 'भिखारी' क्यों बना पाकिस्तान?

आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान आखिर भिखारी क्यों बन गया होगा। तो इसका सिर्फ एक जवाब है, डॉलर्स के लिए। पाकिस्तान के पास ना उद्योग हैं, ना धंधे हैं। एक समय चावल और गेहूं बेचने वाला पाकिस्तान अब चावल और गेहूं विदेशों से खरीद रहा है। पाकिस्तान में दो साल पहले तक टैक्सटाइल इंडस्ट्री काफी अच्छा कर रही थी, लेकिन इमरान खान की नीतियों की वजह से टैक्सटाइल इंडस्ट्री घुटनों पर बैठ चुका है। लिहाजा, पाकिस्तान के पास भीख मांगने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। पाकिस्तान इसलिए बार बार तालिबान के लिए भीख मांग रहा है, ताकि जैसे ही तालिबान को पैसे मिले, वो उसमें अपनी हिस्सेदारी मांग ले। इसके अलावा पाकिस्तान के हाथ में अब कुछ और नहीं है। पाकिस्तान के पास उद्योग के नाम पर सिर्फ आतंकियों की फैक्ट्री बची है, इसके अलावा पाकिस्तान के पास भीख मांगने के अलावा कुछ और नहीं बचा है।

अफगानिस्तान की आग की लपटें पाकिस्तान में भड़की, आर्मी चीफ और आईएसआई चीफ में भयंकर कलहअफगानिस्तान की आग की लपटें पाकिस्तान में भड़की, आर्मी चीफ और आईएसआई चीफ में भयंकर कलह

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English summary
Pakistan's Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi has officially begged for the Taliban and said that the Taliban have formed a good government in Afghanistan.
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