फिलहाल ब्लैक लिस्ट नहीं होगा पाकिस्तान, FATF ने फरवरी तक दी राहत
नई दिल्ली। टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। 27 बिंदुओं को पूरा करने के लिए फरवरी 2020 तक का समय दिया गया है। एफएटीएफ के टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर पाया। जिसके बाद एफएटीएफ ने चेतावनी देकर छोड़ दिया है।
इस बैठक में एफएटीएफ के अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने कहा कि, पाक को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज करने की आवश्यकता है। एफएटीएफ के वैश्विक मानकों को पूरा करने में पाक की विफलता को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं। फरवरी 2020 तक पाकिस्तान महत्वपूर्ण प्रगति नहीं दिखात है तो उसे 'ब्लैक लिस्ट' में डाल दिया जाएगा। एफएटीएफ के टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर पाया।
मंगलवार को बैठक के लिए पाकिस्तान से आर्थिक मामलों के मंत्री हमाद अजहर के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था। जिन्होंने बैठक में कहा था कि उनके देश ने 27 में से 20 बिंदुओं पर सकारात्मक प्रगति की है। हालांकि एफएटीएफ ने पाकिस्तान की कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया। एफएटीएफ की बैठक में चीन, तुर्की और मलेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई को सराहा था। इन तीनों देशों के समर्थन के बाद एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में शामिल नहीं करने और बाकी उपायों को लागू करने के लिए ज्यादा समय देने का फैसला किया।
दरअसल, 36 देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्लैक लिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान फिलहाल 'ग्रे लिस्ट' (वॉच लिस्ट) में है और वो इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है। एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया था।
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