FATF की फर्स्ट रिव्यू रिपोर्ट: पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम साबित
इस्लामाबाद। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहे पाकिस्तान को तीन महीने पहले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के ग्रे लिस्ट में रखा गया था, जिसके बाद अब इसकी पहली रिव्यू रिपोर्ट पेश हुई है। एशिया पेसिफिक पॉलिसी ग्रुप (APPG) ने अपनी रिव्यू रिपोर्ट में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई को 'असंतोषजनक' माना है। एपीपीजी ने एफएटीएफ की ग्रे और ब्लेक लिस्ट में शामिल सभी देशों की जांच की है। एपीपीजी ने कहा है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में डालने के बाद भी कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है, खासकर वैध कोशिशें (जैसे कि आतंकियों की संपत्तियों को जब्त करना, फंडिंग और उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर को रोकना) अभी तक नाकाम रही है।
पाक ने FATF को दिलाया था भरोसा
एपीपीजी ने पाकिस्तान के उन 26 पॉइंट को लेकर समीक्षा की है, जिसमें इस्लामाबाद ने इसी साल फरवरी में मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा सहित उसके सहयोगी आतंकवादी समूहों के फंडिंग को रोकने के लिए एफएटीएफ में दस्तावेज जमा करवाए थे।
अब आगे क्या होगा?
पाकिस्तान
पर
की
गई
इस
समीक्षा
को
अब
पेरिस
में
अगले
माह
होने
वाली
एफएटीएफ
की
मीटिंग
में
यह
रिपोर्ट
पेश
की
जाएगी।
इसके
बाद
दिसंबर
में
इसी
मामले
में
पाकिस्तान
पर
एक
बार
फिर
समीक्षा
की
जाएगी,
जिसे
एक
फाइनल
मू्ल्यांकन
के
रूप
में
देखा
जाएगा।
जनवरी
2019
में
पाकिस्तान
के
लिए
पहली
डेडलाइन
होगी,
जिसमें
उन्हें
साबित
करना
होगा
कि
वे
आतंकवाद
के
खिलाफ
कार्रवाई
करने
कामयाब
रहे
हैं।
वहीं,
अगर
फाइनल
मूल्यांकन
में
परिणाम
संतोषजनक
साबित
नहीं
होते
हैं,
तो
पाकिस्तान
को
गंभीर
आर्थिक
प्रतिबंधों
का
सामना
करना
पड़
सकता
है।
एफएटीएफ
के
ग्रे
लिस्ट
में
रखे
जाने
की
वजह
से
पाकिस्तान
की
इकनॉमी
पहले
ही
टूट
चुकी
है।
वहीं,
फाइनल
मूल्यांकन
में
पाकिस्तान
आतंकवाद
पर
नरमी
बरतता
रहा
तो
वर्ल्ड
बैंक,
आईएमएफ
और
एडीबी
जैसी
आर्थिक
मदद
करने
वाली
संस्थाएं
भी
आगे
से
सहायता
करने
से
पीछे
हट
जाएगी।
भारत रख रहा है नजर?
उधर नई दिल्ली भी आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग पर अमेरिका के साथ अपनी पूरी नजर रख रहा है। भारत ने कई बार भारतीय संपत्तियों पर नकली मुद्रा और योजनाओं के हमले को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों की संलिप्तता पर दस्तावेज और सबूत पेश किए हैं। भारत विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विदेशी आतंकी नेटवर्क को फंडिंग करने में इस्लामाबाद की सहभागिता पर कई दुनिया को आगाह कर चुका है। बता दें कि अमेरिका की पहल के बाद इसी साल फरवरी में पेरिस में पाकिस्तान को एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में रखा गया था।
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