370 हटाने पर इमरान खान ने भारत को दी धमकी, कहा-होगा एक और पुलवामा
इस्लामाबाद। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को धमकी देते हुए आशंका जताई है कि, देश के अंदर पुलवामा जैसा हमला हो सकता है। इससे पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध छिड़ सकता है। इमरान खान ने कहा कि मोदी ने आरएसएस के एजेंडे को ही आगे बढ़ाया है। भारत के इस एक्शन से पूरी दुनिया प्रभावित होगी। दरअसल पाकिस्तान सरकार ने भारत के आंतरिक मामले को लेकर एक संयुक्त सत्र बुलाया था।
कश्मीर को लेकर पाकिस्तान ने बुलाया विशेष सत्र
इमरान खान द्वारा बुलाई गई इस बैठक में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के भारत सरकार के फैसले पर चर्चा की गई। इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में मोदी सरकार ने जो किया वो उनकी विचारधारा में शामिल है। उनकी विचारधारा नस्लवादी है। बीजेपी ने सिर्फ अपनी विचारधारा के लिए अपने देश और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।
वे कश्मीरी प्रतिरोध को क्रूरता से दबाने की कोशिश करेंगे:खान
खान ने कहा कि, अब वे कश्मीरी लोगों पर और भी सख्ती करेंगे। वे कश्मीरी प्रतिरोध को क्रूरता से दबाने की कोशिश करेंगे। मुझे डर है कि वे स्थानीय आबादी का सफाया करने के लिए कश्मीर में नस्लीय सफाई शुरू कर सकते हैं। खान ने आशंका जताई की, इस तरह के माहौल में पुलवामा जैसी घटनाएं फिर से हो सकती हैं। मैं पहले से ही यह अनुमान लगा सकता हूं कि यह होगा, और वे फिर से हम पर दोष लगाने की कोशिश करेंगे।
हम अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे
खान ने कहा कि, तब क्या होगा? वे हम पर हमला करेंगे और हम जवाब देंगे।युद्ध हो सकता है, लेकिन अगर हम युद्ध लड़ते हैं, हम अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे, तो वह युद्ध कौन जीतेगा? कोई भी नहीं जीतेगा? इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। खान ने कहा कि उनकी सरकार वैश्विक नेताओं से संपर्क करेगी और कश्मीर में हालात के बारे में उन्हें अवगत कराएगी। उन्होंने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित हर मंच पर लड़ेंगे। इसके साथ ही खान ने कहा कि पाकिस्तान मामले को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में भी ले जाने की सोच रहा है।
कायदे-आजम के फैसले ने दो राष्ट्र सिद्धांत को सही साबित कर दिया
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि कायदे-आजम के फैसले ने दो राष्ट्र सिद्धांत को सही साबित कर दिया, क्योंकि भारत ने मुसलमानों को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने अपनी विचारधारा के तहत महात्मा गांधी को मारा। मोहम्मद अली जिन्ना जान गए थे कि आरएसएस भारत को सिर्फ एक हिंदू राष्ट्र के तौर पर देखना चाहता है और मुस्लिम को नजरअंदाज करना चाहता है। जिन्ना सबसे पहले आरएसएस के एजेंडा को पहचान गए थे। पाकिस्तान में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है यहां पर इंसानियत को तवोज्जो दी जाती है।
लोकसभा
अनिश्चितकाल
के
लिए
स्थगित,
इस
सत्र
में
पास
हुए
36
बिल