पाकिस्तानी आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर लगे नारे- 'ये जो दहशतगर्दी है, उसके पीछे वर्दी है'
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आम चुनाव अपने चरम पर है और नवाज शरीफ व उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के दबाव का शिकार हो रही है। पाकिस्तान में नवाज शरीफ के हजारों समर्थकों ने आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर सेना और आईएसआई के विरोध में नारेबाजी की है। रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर पीएमएल-एन के समर्थकों को 'आईएसआई मुर्दाबाद' और 'ये जो दहशतगर्दी है, उसके पीछे वर्दी है' जैसे नारे लगाते हुए देखा गया है।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को जो आम चुनाव होने वाले हैं, उसे देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने फिक्स कर दिया है। पाकिस्तान कोर्ट ने शनिवार (21 जुलाई) को तस्करी के आरोप में नवाज की पार्टी के नेता हनीफ अब्बासी को आजीवान कारावास की सजा सुनाई थी, उसके बाद पार्टी समर्थकों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है।
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पीएमएल (एन) के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग बाहर निकले हैं और आईएसआई की आलोचना कर रहे हैं। बलूच नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष जाफर बललोच ने ट्वीट किया करते हुए कहा है कि पाकिस्तान की सड़कों पर खुलेआम आईएसआई की मौत के नारे लगाए जा रहे हैं। इस देश के इतिहास में पाकिस्तान सेना और इसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ निराशा का अप्रत्याशित रूप देखा जा रही है।
इससे पहले रावलपींडी में एक पाकिस्तानी हाईकोर्ट के जज ने न्यायपालिका में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की दखलंदाजी का आरोप लगाया था। जज का कहना है कि आईएसआई नवाज शरीफ समेत देश के अन्य मामलों में फैसला उनके पक्ष में लाने के लिए देश के मुख्य न्यायाधीश पर दबाव बना रही है। रावलपिंडी बार एसोसिएशन को संबोधित करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शौकत सिद्दीकी ने न्यायपालिका और मीडिया को 'नियंत्रित' करने का आरोप लगाते हुए खुफिया एजेंसी आईएसआई पर खुलेआम हमला बोला है।
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