गैर-कानूनी तरीके से दाखिल होने पर अमेरिकी पुलिस ने भारतीयों समेत 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया
न्यूयॉर्क। अमेरिका की बॉर्डर पुलिस और इमीग्रेशन अधिकारियों ने 100 से ज्यादा भी लोगों जिसमें कुछ भारतीय भी शामिल हैं, उन्हें हिरासत में लिया है। इन सभी लोगों को देश में गैर-कानूनी तरीकों से दाखिल होने और रहने के आरोप में हिरासत में लिया है। यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम्स इनफोर्समेंट (आईसीई) और इनफोर्समेंट एंड रिमूवल ऑपरेशंस के अधिकारियों ने ह्यूस्टन से 45 लोगों को अप्रवासन के नियमों को तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन लोगों को पांच दिन तक चली एक कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया है। अभी तक एजेंसी की ओर से यह जानकारी नहीं दी गई है कि कितने भारतीयों को इस प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया गया है।
अप्रवासन का नियम तोड़ने पर कार्रवाई
जिन लोगों को एजेंसी ने इस प्रक्रिया में गिरफ्तार किया है वे लोग होंडुरास, अल सल्वाडोर, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, अर्जेंटीना, क्यूबा, नाइजीरिया, भारत, चिली और टर्की के रहने वाले हैं। आईसीई की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। स्थानीय एजेंसियों ने अपराधियों को निशाना बनाते हुए प्रक्रिया शुरू की थी। ये ऐसे अपराधी थे जो बिना अप्रवासन की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही गायब हो गए थे। एजेंसी की ओर से बताया गया हे कि जिन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें देश में गैर-कानूनी तरीके से दाखिल होने पर और प्रत्यर्पण के बाद दोबारा दाखिल होने के आरोप में सजा का सामना करना होगा। वहीं एक और घटना में यूएस बॉर्डर पेट्रोल पुलिस ने 78 लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों को टेक्सास में पिछले हफ्ते एक चेक प्वाइंट से गिरफ्तार किया गया है।
पहले भी गिरफ्तार हुए हैं भारतीय
ये सभी लोग एक रेफ्रिजरेटर कार्गो बॉक्स में बंद थे। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनकी सेहत अच्छी है। इनकी पहचान मैक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरास, अल सल्वाडोर, ब्राजील, इक्वाडोर, भारत और डोमनिकन रिपब्लिक के नागरिकों तौर पर हुई है। इससे पहले करीब 100 भारतीयों को बॉर्डर पुलिस ने दक्षिणी सीमा से अमेरिका में गैर-कानूनी तरीके से प्रवेश करने पर गिरफ्तार किया था। ज्यादातर भारतीय पंजाब राज्य के रहने वाले थे और इन्हें दो डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रवासन पर अपने विवादित फैसले को एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर के जरिए वापस ले लिया है। इस ऑर्डर के तहत अमेरिका और मैक्सिको बॉर्डर पर गैर-कानूनी तरीके से दाखिल होने वाले लोगों से उनके बच्चों को अलग नहीं किया जाएगा।