ईरान का न्यूक्लियर प्लांट आपात स्थिति में बंद, क्या मोसाद है तबाही के लिए जिम्मेदार?
ईरान ने रूस की मदद से इस परमाणु ऊर्जा प्लांट को शुरू किया था और इस प्लांट के लिए यूरेनियम की सप्लाई भी रूस ही करता है, लेकिन पहली बार ये प्लांट आपातकालीन स्थिति में बंद हुआ है।
तेहरान, जून 21: ईरान में नई सरकार का गठन हो है और इब्राहिम रईसी ईरान के नये राष्ट्रपति चुने गये हैं, लेकिन माना जा रहा है कि मोसाद ने उनका खास तरीके से स्वागत किया है और बता दिए हैं कि ईरान को लेकर इजरायल के इरादे क्या रहने वाले हैं। ईरान का एकमात्र परमाणु संयंत्र को इमरजेंसी हालातों में बंद करना पड़ा है और माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक ईरान का परमाणु संयंत्र बंद रह सकता है।
ईरान का परमाणु संयंत्र बंद
ईरान के इलेक्ट्रिक एनर्जी अधिकारी घोलमाली राखशानिमेहर ने बताया है कि शनिवार को अचानक परमाणु संयंत्र इमरजेंसी में बंद हो गया है और करीब 4 दिनों तक ये बंद रह सकता है। ऐसे में शक की सुई एक बार फिर से मोसाद की तरफ घूम रही है कि क्या मोसाद ने ही ईरान के परमाणु संयंत्र के बंद होने के लिए जिम्मेदार तो नहीं है? घोलमाली राखशानिमेहर के मुताबिक ईरान के बुशहर शहर में ये परमाणु इलेक्ट्रिक प्लांट स्थित है, लेकिन उन्होने इसके इमरजेंसी शटडाउन को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। ये पहली बार है जब ईरान को अपना परमाणु ऊर्जा प्लांट को इमरजेंसी आधार पर बंद करना पड़ा है, इस प्लांट को रूस की मदद से साल 2011 में दक्षिणी बंदरगाह शहर बुशहर में शुरू किया गया था।
रूस देता है यूरेनियम
ईरान ने रूस की मदद से इस परमाणु ऊर्जा प्लांट को शुरू किया था और इस प्लांट के लिए यूरेनियम की सप्लाई भी रूस ही करता है। इसी साल मार्च में परमाणु अधिकारी महमूद जाफरी ने कहा था कि ये परमाणु संयंत्र काम करना बंद कर सकता है, क्योंकि ईरान 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रूस से आवश्यक मशीनरी और उपकरण खरीदने में असमर्थ साबित हो रहा है। दरअसल, ईरान को रिएक्टर के इस्तेमाल किए गये ऊर्जा रॉड को दोबारा रूस भेजना पड़ता है। ईरान को ऐसा इसलिए करना पड़ता है कि कहीं वो इसका गलत इस्तेमाल करते हुए परमाणु बम ना बना ले, लिहाजा ईरान के इस परमाणु प्लांट पर संयुक्त राष्ट्र कड़ी निगरानी रखता है।
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मोसाद का हाथ
ईरान के परमाण प्लांट बंद होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग मोसाद का हाथ बता रहे हैं। आपको बता दें कि मोसाद इजरायल का खुफिया एजेंसी है और मोसाद के पूर्व डायरेक्टर योसी कोहेन ने इसी महीने दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि पिछले दिनों ईरान के परमाणु संयंत्र में जो हादसा हुआ था, उसके पीछे मोसाद का हाथ था। इसके साथ ही उन्होंने चैनल-12 को दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान इस बात को भी परोक्ष तौर पर कबूला की ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या के पीछे भी मोसाद का ही हाथ है। मोसाद के पूर्व डायरेक्टर ने टीवी चैनल के जरिए ही ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को सीधी चेतावनी दी थी और कहा था कि वे अगर ईरान में परमाणु कार्यक्रम को बंद नहीं करते हैं या फिर अपनी नौकरी नहीं छोड़ते हैं, तो उनके ऊपर भी हमले हो सकते हैं। आपको बता दें कि यासी कोहेन कुछ दिन पहले ही मोसाद के डायरेक्टर पद से रिटायर हुए हैं। ऐसे में अब सोशल मीडिया पर लोग आशंका जता रहे हैं कि क्या ईरान के परमाणु ऊर्जा संयंत्र बंद होन के पीछे कहीं मोसाद का हाथ तो नहीं है।
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