सिर्फ शहद से भी हो सकता है इन रोगों का रामबाण इलाज, ऑक्सफोर्ड की रिसर्च में सामने आई बात
नई दिल्ली- आयुर्वेद में जो इलाज अथर्ववेद के जमाने से हो रहा है, उसमें अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी दिलचस्पी दिखाई है। वहां शहद पर एक शोध हुआ है, जिसमें यह बताया गया है कि सर्दी-खांसी जैसे रोगों को मात्र शहद के उपयोग से ही ठीक किया जा सकता है और एंटीबायोटिक अगर असरदार भी साबित हुआ तो शहद से इलाज करने पर लोग दवा के मुकाबले जल्द ठीक हो जाते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह उनका शुरुआती रिसर्च है और इसे पुख्ता करने के लिए वो कुछ और शोध करना जरूरी समझते हैं।
सिर्फ शहद से सर्दी-खांसी का रामबाण इलाज-शोध
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में पाया गया है कि सर्दी, खांसी, बंद नाक और गले में खराश जैसे रोगों को केवल शहद के इस्तेमाल से ही एंटीबायोटिक से भी बेहतर इलाज किया जा सकता है। यह भी कहा गया है कि शहद सस्ता भी है, आसानी से उपलब्ध भी होता है और इसका कोई साइड-इफेक्ट भी नहीं होता। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि डॉक्टर शहद को अब एंटीबायोटिक के बेहतर विकल्प के रूप में परामर्थ दे सकते हैं, जो कि अक्सर इंफेक्शन के लिए लेने की सलाह दी जाती है, जबकि कई बार वह कारगर भी नहीं होती। दरअसल, अपर रेसपिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में नाक, गला, वॉयस वॉक्स और सांस की नली तक प्रभावित हो जाती है।
शहद से इलाज लेने वाले जल्दी ठीक हो गए
स्टडी में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि बच्चों के लिए शहद का इस्तेमाल होता है और सर्दी-खांसी के लिए यह लंबे वक्त से घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग भी होता रहा है। लेकिन, व्यस्कों में अपर रेसपिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण पाए जाने पर यह कितना कारगर हो सकता है, इसे अबतक व्यवस्थित रूप से नहीं परखा गया था। इसके लिए वैज्ञानिकों ने एक ओर शहद और दूसरी ओर बाकी सामग्रियों- मुख्य रूप से एंटीहिस्टामाइन्स, एक्सपेक्टोरैंट्स, कफ सपरेसेंट्स और पेनकिलर्स का एक प्रेपरेशन तैयार किया। उन्होंने अलग-अलग आयुवर्ग के 1,761 लोगों के बीच 14 मुनासिब क्लिनिकल ट्रायल किए। डाटा एनालिसिस से ये पता चला कि बढ़ते हुए लक्षणों के दौरान एंटीबायोटिक इलाज से शहद ज्यादा असरदार साबित हुआ, खासकर खांसी की गंभीरता और उसके बार-बार होने के मामले में। शोध में यह बात सामने आई कि जिनका इलाज शहद से किया गया, वह एक से दो दिन पहले ठीक हो गए।
कुछ और शोध करना चाहते हैं शोधकर्ता
हालांकि, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल स्कूल और नफिल्ड डिपार्टमेंट ऑफ प्राइमरी केयर हेल्थ साइंसेज के शोधकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया है कि शहद एक जटिल पदार्थ (कई तत्वों से मिलकर बना है) है और वह एक अकेला उत्पाद नहीं है। उन्होंने कहा है कि अभी दो तरह के शोध हुए हैं, लेकिन आखिरी नतीजे पर पहुंचने के लिए ऐसे कुछ और शोध होने आवश्यक हैं। बीएमजे एवेडेंस बेस्ड मेडिसीन जर्नल में लिखा गया है, 'अपर रेसपिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स एंटीबायोटिक प्रिसक्रिप्शन का सबसे प्रमुख कारण है। क्योंकि, ज्यादातर यूआरटीआई वायरल होता है, इसलिए एंटीबायोटिक प्रिसक्रिप्शन अप्रभावी और अनुपयोगी दोनों होता है।'
एंटीबायोटिक की जगह शहद दे सकते हैं- शोधकर्ता
फिलहाल, शोधकर्ताओं की सलाह है कि डॉक्टर विकल्प के तौर पर शहद लेने का परामर्श दे सकते हैं, खासकर तब जब वह चाहते हैं कि अपर रेसपिरेटरी ट्रैक्ट लक्षणों का सुरक्षित उपचार हो। 'हम एंटीबायोटिक के विकल्प के रूप में शहद का परामर्श देने की सलाह देते हैं। क्योंकि, यह ज्यादा प्रभावी है और इससे नुकसान की गुंजाइश भी नहीं है।'