Korean War के 70 साल पूरे होने पर चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने अमेरिका को धमकाया
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरियाई युद्ध के 70 साल पूरे होने पर ऐसे लोगों को धमकी दी है जो घुसपैठ की कोशिशों में लगे हुए हैं। जिनपिंग ने कहा है कि चीन और नॉर्थ कोरिया ने इस झूठ को खत्म कर दिया था कि अमेरिका की मिलिट्री कभी हार नहीं सकती है। साल 1950-53 में दोनों कोरियाई देशों और साझेदारों के बीच युद्ध हुआ था। जिनपिंग के इस बयान को अमेरिका के लिए चेतावनी माना जा रहा है जो लगातार साउथ चाइना सी में चीन को घेरने में लगा है।
यह भी पढ़ें-पुतिन बोले-अमेरिका नहीं, चीन और जर्मनी सुपरपावर देश
अमेरिकी मिलिट्री के एक मिथ को तोड़ा
राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा चीनी मिलिट्री ने कोरिया के साथ मिलकर साबित कर दिया था कि वो दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकती हैं। यह दुनिया का इकलौता युद्ध था जिसमें चीनी सेनाएं अमेरिका और उसके साथी देशों के खिलाफ लड़ी थीं। शुक्रवार को जिनपिंग ने इस मौके पर एक लंबी-चौड़ी स्पीच दी जो देशभक्ति से भरी हुई थी। साथ ही उन्होंने चीनी सेनाओं की ताकत का बखान भी किया। जिनपिंग ने कहा कि कोरियाई युद्ध इस बात को याद दिलाने के लिए काफी है कि उनका देश ऐसे किसी भी तत्व के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है जो परेशानियां पैदा कर रहे हैं और चीन के दरवाजे तक आ गए हैं। जिनपिंग ने कहा, 'भयानक युद्ध के बाद चीनी और नॉर्थ कोरिया के सैनिकों ने अपने विपक्षियों को हराया था और अमेरिकी मिलिट्री के अजेय रहने के मिथ को भी खत्म कर दिया था। सेनाओं ने घुसपैठियों को 27 जुलाई 1953 को हुए समझौते के बाद बाहर खदेड़ दिया था।'
चीन बैठकर तमाशा नहीं देखेगा
कोरियाई युद्ध तीन साल तक चला और इस दौरान करीब दो लाख चीन सैनिक मारे गए थे। लेकिन इसके बाद अमेरिका की अगुवाई वाली गठबंधन सेनाओं को पीछे हटना पड़ा था। कोरियाई युद्ध को चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की आधारशिला माना जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2016 में जब शासन संभाला था और तब से ही वह चीन और कम्युनिस्ट पार्टी पर आक्रामक बने हुए हैं। ट्रंप ताइवान की आजादी की भी वकालत करते आए हैं। इसे लेकर भी जिनपिंग ने अपने भाषण में बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, 'दुनिया को पता लगने दें कि चीन के लोग अब संगठित हैं और वो किसी भी चीज से टूट नहीं सकते हैं।' जिनपिंग ने आगे कहा, 'चीन के लोग समस्या नहीं पैदा करते हैं और हम किसी से भी नहीं डरते। हम बैठकर अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता का तमाशा देखने वाले नहीं हैं। न ही हम किसी भी सेना को देश में घुसपैठ करके हमारी मातृभूमि का बंटवारा देखने वाले हैं।'