बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक साल बाद पूर्व अमेरिकी NSA ने दिया बड़ा बयान, किताब में किए कई खुलासे
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक को एक साल से अधिक समय हो चुका है। आतंकियों के खिलाफ की गई भारत की इस कार्रवाई के बाद पूरे देश ने हिंदुस्तान का लोहा माना था। 16 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद अब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर बड़ा बयान दिया है। जॉन बोल्टन ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों पर की गई भारतीय वायुसेना की कार्रवाई को उचित और साहसी कदम बताया है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर कही ये बात
इंडिया टुडे से बात करते हुए जॉन बोल्टन ने कहा कि भारतीय वायु सेना द्वारा बालाकोट एयर स्ट्राइक संकट की स्थित में भारत की तरफ से बहुत अच्छे ढंग से पूरा किया गया। उन्होंने आगे कहा कि 2019 में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान भारत ने संयम दिखाया और संतुलित तरीके से काम किया। बता दें कि जॉन बोल्टन ने हाल ही में अपनी पुस्तक 'द रूम व्हेयर इट हैपेंड' जारी की है जिसमें उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक का भी जिक्र किया है।
पाकिस्तान पर मंडरा रहा था खतरा
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हमलों का जिक्र के बारे में विस्तार से क्यों नहीं लिखा, तो उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प, वह और अन्य अमेरिकी अधिकारी उस दौरान उत्तर कोरिया के साथ बैठक में व्यस्त थे। जॉन बोल्टन ने आगे कहा कि यह संभावित रूप से एक बहुत महत्वपूर्ण सैन्य टकराव था, उस दौरान पाकिस्तान पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा था। उस दौरान अमेरिका ने भारत से बात की क्योंकि यह द्विपक्षीय अमेरिका-भारत संबंधों के विस्तार और गहनता का एक हिस्सा है।
हमने भारत और पाकिस्तान से बात की थी
यह पूछे जाने पर कि क्या बालाकोट स्ट्राइक के दौरान आप भी फोन कॉल का हिस्सा थे? इस पर उन्होंने कहा, हमारी तत्काल प्रतिक्रिया यह थी कि पाकिस्तानी पक्ष की ओर से संभावित उकसावे को कम किया जा सके। हमने समझा की इससे तनाव बढ़ सकता है। जॉन बोल्टन से पूछा गया कि भारतीय वायु सेना द्वारा हताहतों की सूचना देने पर अमेरिका की प्रतिक्रिया क्या थी? इसके जवाब में उन्होंने कहा, जिस तरह से संकट बढ़ा और भारतीय पक्ष ने जो संयम दिखाया उससे हम खुश थे और यह शांति से हल हो गया। पाकिस्तानी पक्ष के साथ हमारी समान बातचीत हुई। इन चीजों के अलग-अलग संस्करण होते हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस राजधानी में बैठे हैं।
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