'बूस्टर डोज की जगह इम्युनिटी बढ़ाने में ओमीक्रॉन का अहम रोल!', कोरोना को लेकर चौंकाने वाला दावा
नई दिल्ली, 16 मई। कोरोना का टीका लगने के बाद ओमीक्रॉन संक्रमण से रिकवर हुए कोरोना मरीजों में बेहतर एंटीबॉडी हो सकती है। इस बात का दावा एक अध्ययन में किया गया है। स्टडी में कहा गया है कि जिन लोगों का टीका लगाया जाता है और वे फिर से ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होते हैं तो उनके पास कोविड वेरिएंट से निपटने के लिए बेहतर एंटीबॉडी हो सकती है।

कोरोनोवायरस संक्रमण को लेकर भारत में अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है और रिकवरी तेजी से होती है। कोरोना संक्रमण और बूस्टर डोज के प्रभाव को लेकर एक स्टडी में ओमीक्रॉन संक्रमण से रिकवर हुए लोगों को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है। एक नए शोध में कहा गया है कि ओमीक्रॉन संक्रमणों ने टीकाकरण वाले लोगों में बूस्टर शॉट की तुलना में बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। इसको लेकर दो शोध हुए। दोनों में इस बात के संकेत मिले कि जिन लोगों को कोरोना टीका लगा और वे फिर ओमिक्रॉन संस्करण से संक्रमित हुए तो उनमें कोविड वेरिएंट्स से निपटने के लिए बेहतर एंटीबॉडी बन गई।
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अमेरिकी शोध में नया दावा
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी बायोएनटेक एसई और अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के अध्ययन से कोरोना संक्रमण से होने वाले प्रभाव को लेकर नए तथ्य सामने आए हैं। शोधकर्ताओं ने तर्क दिया है कि लोगों को एक ओमीक्रॉन अनुकूलित बूस्टर शॉट मूल टीकों की तुलना में अधिक फायदेमंद हो सकती है। साइंटिस्ट्स ने उस एंटीबॉडी की भी पहचान भी की जो शरीर में प्रवेश करते ही वायरस को बेअसर करने में उनकी मदद कर सकते हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि बिना टीकाकरण वाले लोगों में इसका रिएक्शन नहीं हुआ। इस शोध को बायोरेक्सिव सर्वर पर प्रकाशित किया गया है। अध्ययकर्ताओं आगाह किया है कि उन्हें निष्कर्षों के जवाब में संक्रमण की तलाश नहीं करनी चाहिए। यदि कोई नया संस्करण काफी अलग है तो वह खतरनाक हो सकता है।