OMG धरती को मिला 'Mini Moon', जानिए क्या है सच्चााई?
वाशिंगटन। एक बड़ी खबर ब्रह्मांड से जुड़ी हुई है,अमेरिकी संस्था 'कैटालिना स्काई सर्वे' ने अंतरिक्ष में एक छोटी सी वस्तु के होने का दावा किया है,जो कि करीब तीन साल से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से जुड़ी हुई है, 'कैटालिना स्काई सर्वे' का कहना है कि उन्हें पृथ्वी के पास एक छोटा सा ऑब्जेक्ट घूमते हुए नजर आया है,जो कि आकार-प्रकार में चांद से छोटा है लेकिन उसी की तरह चमकीला और सुंदर है, जिसे दुनिया के अलग-अलग शोधकर्ताओं ने भी नोटिस किया है और उन्होंने इसे 'मिनीमून' नाम दिया है।
'मिनीमून' की साइज कार के बराबर
इस 'मिनीमून' की साइज एक छोटी आकार की कार की तरह है, 'कैटालिना स्काई सर्वे' के खगोलविद कैस्पर विर्कोज ने इस बारे में एक ट्वीट भी किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि मैंने और मेरे कैटालिना स्काई सर्विस टीम के साथी टेडी प्रुयने ने मिलकर 20वें मैग्नीट्यूड का एक ऑब्जेक्ट खोजा है, खगोलविदों का कहना है कि नए 'मिनीमून' का ऑर्बिट स्थिर है, इस खबर के सामने आते ही मिनीमून को लेकर काफी बातें सोशल मीडिया पर होने लग गई हैं।
चांद के बारे में कुछ खास बातें
- कहते हैं आज से 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी से हुई एक टक्कर के बाद चंद्रमा का जन्म हुआ था।
- चंद्रमा एक उपग्रह है जो कि पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है।
- विज्ञान के हिसाब से चांद पर पृथ्वी की तुलना में गुरुत्वाकर्षण कम है इसी कारण चंद्रमा पर पहुंचने पर इंसान का वजन कम हो जाता है।
- वजन में ये अंतर करीब 16.5 फीसदी तक होता है।
- यह सौर मंडल का 5वां सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है।
चंद्रमा से आसमान नीला नहीं बल्कि काला दिखायी देता है...
- चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है।
- चंद्रमा से आसमान नीला नहीं बल्कि काला दिखायी देता है क्योंकि वहां प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं है।
- सूर्य के बाद आसमान में सबसे अधिक चमकदार निकाय चन्द्रमा है।
- पृथ्वी के मध्य से चन्द्रमा के मध्य तक कि दूरी 384, 403 किलोमीटर है।
हिंदू धर्म में चांद को भगवान माना गया है...
- सोवियत राष्ट् का लूना-1 पहला अन्तरिक्ष यान था जो चन्द्रमा के पास से गुजरा था।
- सोवियत राष्ट् का लूना-2 पहला यान था जो चन्द्रमा की धरती पर उतरा था।
- हिंदू धर्म में चांद को भगवान माना गया है, करवाचौथ, पूर्णिमा जैसे वर्त चंद्रमा को ही देखकर होते हैं।
- इस्लाम में तो चांद के बिना कोई काम ही नहीं होता है। ईदुल फितर, रमजान, ईदुज्जुहा और मुहर्रम जैसे प्रमुख पर्व चांद देखकर ही फाइनल होते हैं।
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