सऊदी अरब करेगा ऑयल प्रोडक्शन में कटौती, तेल की कीमतों में उछाल शुरू
नई दिल्ली। सऊदी अरब से दुनिया के ऑयल मार्केट को बड़ा झटका मिलना वाला है। दुनिया के सबसे बड़े ऑयल सप्लायर सऊदी अरब ने सोमवार को ग्लोबल मार्केट में स्थिरता का हवाला देते हुए अपने ऑयल प्रोडक्शन में भारी कटौती की घोषणा की है। सऊदी अरब के एनर्जी मिनिस्टर ने कहा कि वे जल्द ही प्रतिदिन 10 लाख बैरल ऑयल में कटौती करेंगे। उन्होंने कहा कि मार्केट में ज्यादा ऑयल सप्लाई की वजह से सऊदी को यह निर्णय लेना पड़ रहा है। सऊदी के इस फैसले से पूरा ग्लोबल ऑयल मार्केट प्रभावित होगा, जिसका असर भारत समेत कई देशों पर पड़ेगा।
पिछले सप्ताह अबु धाबी में ओपेक (OPEC) की मीटिंग हुई थी। ओपेक ग्रुप के सभी देशों और सहयोगी पार्टनर ने 2019 की योजना के तहत के ऑयल सप्लाई में कटौती का काम शुरू कर दिया है। सऊदी ने इससे पहले कहा था कि किंगडम कम से कम प्रतिदिन 5 लाख बैरल ऑयल प्रोडक्शन में कटौती करेगा। पिछले सप्ताह हुई ओपेक की मीटिंग के बाद सोमवार को इसका असर देखा, जिससे ग्लोबल ऑयल मार्केट में कीमतों में उछाल देखने को मिला।
मार्केट्स डॉट कॉम के चीफ मार्केट विश्लेषक नील विल्सन ने कहा कि अल्प अवधि में तेल के लिए यह कदम सकारात्मक है, लेकिन अगर लंबे समय के लिए इसका प्रभाव पड़ता है, तो ओपेक पर सवाल खड़े होंगे। विल्सन ने कहा कि सऊदी अरब अकेला इस पर कदम नहीं उठा सकता है, वास्तव में अगर प्रोडक्शन में कटौती कर कीमतों में स्थिरता लाना चाहते हैं तो ओपेक और उसके सहयोगी पार्टनर्स को मिलकर यह काम करना होगा, जिसमें रूस भी शामिल होना चाहिए। निल्सन ने आगे कहा कि हालांकि, रूस के रवैये से नहीं लग रहा कि वे सऊदी के साथ मिलकर काम करेगा।
पिछले सप्ताह अमेरिकी ऊर्जा भंडार डब्ल्यूटीआई क्रूड में पिछले 30 से अधिक वर्षों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली, जबकि ब्रेंट क्रूड अप्रैल के बाद पहली बार 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गया था। पिछले हफ्ते के अंत में कमजोर अमेरिकी व्यापार और धीमी चीनी विकास के बाद एशियाई बाजार काफी हद तक सुस्त रहा।
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