रूस के NSA से मिले अजीत डोभाल, सुरक्षा पर हुई चर्चा
मॉस्को, 18 अगस्त। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल यूक्रेन-रूस के शुरू हुए युद्ध के बाद पहली बार रूस के दौरे पर पहुंचे हैं। इस साल फरवरी माह में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था, उसके बाद पहली बार अजीत डोभाल मॉस्को पहंचे। इस दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलई पात्रुशेव से मुलाकात की। दोनों के बीच सुरक्षा के क्षेत्र में द्वीपक्षीय सहयोग को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मॉस्को की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार दोनों ही पक्षों ने देश की सुरक्षा को लेकर चर्चा की, इसके अलावा क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई।
रूस सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि द्वीपक्षीय सहयोग लेकर वृहद स्तर पर चर्चा हुई। दोनों ही देश इस बात को लेकर राजी हुई हैं कि आगे भी यह बातचीत दोनों देशों के बीच जारी रहेगी। इसी बीच थाइलैंड में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका और कुछ अन्य देश भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर खुश नहीं हैं, लेकिन भारत ने जिस तरह से अपने इस फैसले का सख्ती से बचाव किया है उसके बाद उन लोगों ने यह स्वीकार कर लिया है। जयशंकर ने कहा कि यह ऐसी स्थिति है जब हर देश अपने लोगों के लिए सबसे अच्छी डील लाने की कोशिश कर रहा है, ऊर्जा की बढ़ती कीमतों को कम करने की कोशिश कर रहा है और हम भी बिल्कुल यही कर रहे हैं।
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एस जयशंकर ने कहा कि हम अपने हितों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट और ईमानदार हैं। मेरे देश की प्रति कैपिटा इन्कम 2000 डॉलर है, ये वो लोग नहीं हैं जो महंगा ईंधन वहन कर सकते हैं। सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि हमारे देश के लोगों को सबसे अच्छी डील मिले। कुछ देशों द्वारा इसे स्वीकार नहीं किए जाने पर जयशंकर ने कहा कि एक बार जब आप खुलकर ईमानदारी से इसे बताते हैं तो लोग इसे स्वीकार करते हैं। वो शायद हमेशा इसकी तारीफ नहीं करें लेकिन एक बार जब आप खुलकर बोलें तो कोई दिक्कत नहीं है, आप परोक्ष तरीके से अपने लोगों के हितों के लिए यह फैसला लेते हैं, मुझे लगता है कि दुनिया इसे स्वीकार करेगी।
बता दें कि यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि जब भारत रूस से सस्ते दाम पर कच्चा तेल खरीदता है तो उसे समझना चाहिए कि इसमे यूक्रेन के लोगों को खून मिला है। हमे भारत से और समर्थन के अपेक्षा थी।