अब मांस के लिए जानवरों की हत्या नहीं करनी पड़ेगी, लैब में तैयार होगा मीट
नई दिल्ली। मांसाहार का सेवन करना काफी लोगों को इस वजह से नहीं पसंद होता है क्योंकि इसके लिए जानवरों को मारा जाता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर आपको बिना जानवरों को मारे मांसाहार का सेवन करने को मिले तो कैसा लगेगा। जी हां अमेरिका के वैज्ञानिकों ने बिना जानवरों को मारे मांसाहार को तैयार करने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वह लैब के भीतर मांस को तैयार कर सकते है। यही नहीं इस मीट को लैब में तैयार करके सिंगापुर की बाजार में बिक्री की मंजूरी भी दे दी गई है।
सिंगापुर पहला देश जहां लैब का मीट मिलेगा
लैब के भीतर तैयार मांस को बाजार में बिक्री के लिए इजाजत देने वाला सिंगापुर दुनिया का पहला देश बन गया है। सिंगापुर की सरकार ने इस फैसले को ऐतिहासिक कदम करार दिया है। अमेरिका की कंपनी जस्ट ईट लैब में चिकन बाइट्स का उत्पादन करेगी। कंपनी ने सिंगापुर के फूड एजेंसी के सेफ्टी टेस्ट को भी सफलतापूर्वक पास कर लिया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि सिंगापुर की मंजूरी के बाद भविष्य में इस मीट को बेचने की योजना तैयार की जाएगी।
अमेरिकी कंपनी को मिली मंजूरी
अमेरिकी कंपनी का दावा है कि लैब में तैयार किए गए मीट में उतने ही पोषक तत्व होंगे जितने पारंपरिक मीट में होते हैं। यही नहीं लैब में तैयार किए गए मीट का भी स्वाद पारंपरिक मीट के जैसा ही होगा। बता दें कि दर्जनों कंपनियां कल्टिवेटेड चीकन, पोर्क और बीफ का मीट तैयार कर रही हैं जिससे कि जानवरों की हत्या को रोका जा सके। जानवरों की हत्या से जलवायु और पर्यावरण पर होने वाले प्रतिकूल असर को भी इससे रोका जा सकता है।
मीट के लिए बड़ी संख्या में जानवरो की होती है हत्या
बता दें कि मौजूदा समय में हर रोज 13 करोड़ मुर्गों और 40 लाख सुअरों को मीट के लिए मार दिया जाता है। अहम बात यह है कि पृथ्वी पर कुल स्तनधारी जीवों की बात करें तो इसमे 60 फीसदी पशु हैं, 36 फीसदी इंसान हैं और 4 फीसदी ही जंगली जानवर है। ऐसे में मांस के लिए जानवरों की हत्या से जैव संतुलन पर बुरा असर पड़ता है। जैविक संतुलन पर खतरे के बीच लैब में तैयार होने वाले मीट का दावा काफी बड़ा बदलाव ला सकता है।
कैसे तैयार होगा मीट
लैब में मीट को तैयार करने की प्रक्रिया की बात करें तो अमेरिका की कंपनी जस्ट ईट इसके लिए 1200 लीटर के बड़े बायोरिक्टर में जानवरों की कोशिकाओं को तैयार करेगी। इसमे पौधों के तत्व भी मिलाए जाएंगे। हालांकि शुरुआत में उत्पादन क्षमता कम होगी, क्योंकि इसे सिर्फ सिंगापुर के रेस्टोरेंट में बेचा जाएगा। लिहाजा शुरुआत में यह काफी महंगा भी हो सकता है। कंपनी का दावा है कि मांग बढ़ने पर इसके दाम में कमी आएगी।
पौधों से मिलेगा पोषक तत्व
लैब में जानवरों की कोशिकाएं तैयार करने के लिए सेल बैंक तैयार किया जाएगा, इसके लिए किसी जानवर की हत्या करने की जरूरत नहीं होगी। ये सेल जानवरों की बायोप्सीज से लिया जा सकेगा। साथ ही कोशिकाओं को तैयार करने के लिए सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति पौधों से की जाएगी। शोध की बात करें तो अमीर देश में मीट का इस्तेमाल अधिक होता है जोकि लोगों की सेहत और धरती के लिए नुकसानदायक है।