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अब केन्या की अदालत ने चीन को दिया झटका, करीब 24,320‬ करोड़ का रेलवे कॉन्ट्रैक्ट अवैध करार

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नई दिल्ली- केन्या की एक अपीलीय अदालत ने चीन के साथ हुए करीब 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करार को गैरकानूनी करार दे दिया है। भारतीय रुपयों में यह रकम करीब 24,320‬ करोड़ की है, जो अब ठेके के मुताबिक चाइना रोड एंड ब्रिज कॉर्पोरेशन को नहीं मिल पाएगी। केन्या ने अपने यहां रेलवे के काम के लिए चीन की इसी कंपनी को 6 साल पहले ठेका दिया था। लेकिन, अब अदालत ने उस ठेके को ही गैर-कानूनी करार दे दिया है। इस तरह एशियाई देशों की तरह ही अफ्रीकी देशों को भी अपनी चालबाजी में फंसाने की चीन की कोशिशों को इस फैसले से बहुत तगड़ी चोट पड़ी है।

केन्या की अदालत ने चीन को दिया झटका

केन्या की अदालत ने चीन को दिया झटका

बता दें कि चीन केन्या रेलवे का ये प्रोजेक्ट (स्टैंडर्ड गेज रेलवे) अपनी महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत ही पूरा कर रहा था, लेकिन केन्या की अदालत ने इस करार को वहां के कानूनों के तहत अवैध माना है। अदालत ने माना है कि चीन की कंपनी को ठेका देते वक्त पारदर्शिता नहीं बरती गई और सिर्फ एक कंपनी आई और उसे ही ठेका दे दिया गया और उसका कर्ज उतारने का बोझ केन्या के करदाताओं के भरोसे छोड़ दिया गया। इससे पहले केन्या के हाई कोर्ट ने यह याचिका तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया था, लेकिन अपीलीय न्यायालय ने इसे पूरी तरह से गैर-कानूनी ही ठहरा दिया। दिलचस्प बात ये है कि अपीलीय अदालत का यह फैसला तब आया है जब प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है और 2017 से वह चालू भी है। हालांकि, केन्या सरकार या सीआरबीसी का अगला कदम क्या होगा इसकी जानकारी नहीं मिली है। वे उसी अदालत में या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

रेलवे लाइन पर ट्रेन चलने भी लगी थी

रेलवे लाइन पर ट्रेन चलने भी लगी थी

बता दें कि केन्या की सरकार ने सीआरबीसी को यह ठेका 2014 में दिया था और उसे मोम्बासा पोर्ट से नैरोबी तक रेलवे लाइन बिछानी थी। इसके बाद इसकी पैरंट कंपनी चाइना कम्युनिकेशन कंस्ट्रक्शन भी इस प्रोजेक्ट में उतर आई और उसे करीब 11,400 करोड़ रुपये का ठेका इस प्रोजेक्ट को नैरोबी से नायवाशा तक विस्तार के लिए दिया गया। दोनों प्रोजेक्ट पूरा हो गया और उसपर यात्री और मालगाड़ी भी चल रही हैं। बाद में चाइनीज कंपनी के ही एक और फर्म को इस रेलवे के प्रबंधन का भी ठेका सौंप दिया गया। केन्या सरकार रेलवे लाइन को युगांडा की सीमा तक देश के पश्चिमी हिस्से की ओर मालाबा तक विस्तार करना चाहती थी, लेकिन चीन के जिस एक्जिम बैंक ने पहले दोनों प्रोजेक्ट के लिए लोन दिया था, उसने फंड जारी करने से पहले कुछ स्टडी करने की बात कहकर पैसे जारी नहीं किए।

बहुत ही खतरनाक है चीन का मंसूबा

बहुत ही खतरनाक है चीन का मंसूबा

बता दें कि केन्या की अदालत से चाइनीज कंपनी को लगा यह झटका चीन की चालबाजी कूटनीति पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है। क्योंकि, वह एशिया के बाद अफ्रीकी देशों को भी आर्थिक मदद की जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा है। जैसा कि वह पीओके में पाकिस्तान के साथ कर रहा है और क्षेत्र के लिए एक गंभीर चिंता पैदा कर रहा है। बता दें कि चीन ने चाइना अफ्रीका समिट के दौरान बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत केन्या के साथ एक स्टेंडर्ड गेज रेललाइन बिछाने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले शी जिनपिंग ने केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा को मोम्बासा पोर्ट से कार्गो सप्लाई किए जाने को लेकर बधाई भी दी थी। लेकिन, अब चीन के आगे के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

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English summary
Now Kenya court gives blow to China, railway contract worth about 24,320 crores illegal
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