सऊदी अरब में अब सेनाओं का भी हिस्सा बन सकेंगी महिलाएं, MBS ने लिया एक और बड़ा फैसला
रियाद। सऊदी अरब ने बुधवार को एक और बड़ा फैसला लेते हुए महिलाओं को सेनाओं में शामिल होने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला इस रुढ़िवादी इस्लामिक गणतंत्र में जारी सामाजिक और आर्थिक सुधारों के तहत लिया गया है। इन सुधारों की शुरुआत सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) की तरफ से पिछले वर्ष की गई थी। सऊदी अरब में जारी सुधार कार्यक्रमों के तहत महिलाओं को दिए जाने वाले अधिकारों के तहत यह नया बड़ा कदम है जिसका ऐलान किया गया है।
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कॉरपोरल और सार्जेंट बन सकेंगी सऊदी महिलाएं
सऊदी विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बात की जानकारी ट्विटर पर दी गई है। विदेश मंत्रालय ने लिखा, 'सशक्तिकरण की तरफ एक और कदम।' मंत्रालय ने आगे कहा है कि महिलाएं अब सऊदी सेनाओं में प्राइवेट क्लास, कॉरपोरल और सार्जेंट के तौर पर अपनी सेवाएं दे सकेंगी। पिछले वर्ष सऊदी अरब ने महिलाओं को सिक्योरिटी फोर्सेज में शामिल होने की आजादी दी थी। एमबीएस जो इस देश के शासक हैं, उनकी तरफ से महिला अधिकारों से जुड़े कुछ फैसलों को मंजूरी दी गई है। इसमें उन्हें ड्राइविंग की मंजूरी के अलावा अकेले विदेश यात्रा की आजादी देना भी शामिल है। अकेले विदेश जाने के लिए उन्हें अब किसी भी पुरुष अभिभावक से इजाजत मांगने की जरूरत नहीं होगी। हाल ही में सऊदी अरब में सिंगल महिलाओं को होटल में कमरा बुक करके रहने की मंजूरी भी दी गई है।
सिर्फ तेल निर्यात नहीं रहेगा अर्थव्यवस्था का हिस्सा
हालांकि इन सबके बीच इस देश में महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं पर एक्शन लेने के आरोप भी लग रहे हैं। महिला अधिकारों की वकालत करने वाली कई एक्टिविस्ट्स की गिरफ्तारी की वजह से एमबीएस आलोचना का शिकार हो रहे हैं। गिरफ्तार एक्टिवस्ट लाउजान अल-हाथलाउल भी शामिल हैं। सऊदी अरब जो दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक है, वह अब अपनी इमेज बदलने की कोशिशों में लगा हुआ है। यहां की सरकार का मकसद है कि अर्थव्यवस्था की निर्भरता सिर्फ तेल निर्यात पर ही न हो बल्कि पर्यटकों को आकर्षित करके, पर्यटन को अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।