France: अब मैंक्रो के खिलाफ बांग्लादेश में प्रदर्शन, यूरोपियन देश फ्रांस के साथ
ढाका। फ्रांस और यहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो की तरफ से इस्लाम पर की गई टिप्पणी की वजह से भड़का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं रहा है। टर्की और अरब के दूसरे देशों में तो फ्रेंच प्रॉडक्ट्स का बहिष्कार चल ही रहा था कि अब बांग्लादेश में भी फ्रांस के सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया है। मैंक्रो ने 16 अक्टूबर को बेदर्दी से मारे गए हिस्ट्री टीचर सैमुअल पैटी की सराहना की थी और उन्होंने कसम खाई थी कि वह इस्लामिक चरमपंथी गतिविधियों से आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे।
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फ्रांस और बांग्लादेश के बीच मजबूत रिश्ते
फ्रांस के राष्ट्रपति मैंक्रो ने पिछले दिनों पैटी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित प्रार्थना सभा में कहा था, 'यह लड़ाई उस गणतंत्र को बचाने के लिए है जिसका आप चेहरा हैं।' पैटी की निर्ममता से हत्या के दो हफ्ते बाद मैंक्रो ने इस्लाम को एक ऐसे धर्म के तौर पर करार दिया जो संकट में है। उन्होंने इसके साथ ही फ्रांस में कड़े कदमों का ऐलान कर दिया जिनकी मदद से चरमपंथी गतिविधियों से निबटा जा सकेगा। फ्रांस में अब पैगंबर मोहम्मद के कार्टून जमकर शेयर किए जा रहे हैं। फ्रांस, पश्चिमी यूरोप का वह देश है जहां पर मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है। अब कुछ लोगों ने अथॉरिटीज पर धर्म के नाम पर उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगाया है। बांग्लादेश और फ्रांस के बीच अच्छे द्विपक्षीय संबंध हें। फ्रांस वह देश है जहां बांग्लादेश से सबसे ज्यादा सामान आयात किया जाता है खासतौर पर टेक्सटाइल का सामान। पिछले वर्ष बांग्लादेश ने फ्रांस को 1.7 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया था। इसके साथ ही फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के बाद बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ा बाजार बन गया था। वहीं फ्रांस की कंपनियां बांग्लादेश में सीमेंट से लेकर ऊर्जा, टेलीकम्यूनिकेशंस और फार्मा के सेक्टर में निवेश करती हैं।
तुर्की पर फूटा यूरोप का गुस्सा
अभी तक बांग्लादेश की सरकार की तरफ से इस्लामिक संगठनों की मांग पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन यह तय है कि राजनयिक संबंध खत्म करने या फिर फ्रेंच प्रॉडक्ट्स को बायकॉट करने की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जाएगा। बांग्लादेश के सबसे बड़े इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी की तरफ से कहा गया है कि फ्रांस के राष्ट्रपति का बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि संगठन ने फ्रांस के सामान को बायकॉट करने के फैसले का समर्थन नहीं किया है। उनका कहना है कि फ्रांस जैसे सभ्य देश के राष्ट्रपति को ऐसे बर्ताव नहीं करना चाहिए था। उन्हें पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम पर अपनी टिप्पणी को वापस लेना होगा। दूसरी तरफ यूरोपियन देशों ने मैंक्रो और फ्रांस का समर्थन किया है। जर्मनी की सरकार के प्रवक्ता ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्डोगान के बयान के बाद मैंक्रो के साथ एकजुटता दिखाई है। प्रवक्ता स्टीफन सेईबर्ट ने एर्डोगान के बयान को असम्मानजनक और अस्वीकार्य करार दिया है। नीदरलैंड के पीएम मार्क रूट ने कहा है कि डच देश मजबूती के साथ फ्रांस के साथ खड़ा है तो इटली के पीएम ग्यूसिपी कोंटे ने भी मैंक्रो का समर्थन किया है।