'रूस समेत कई देश कर रहे अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश'
नई दिल्ली। अमेरिका में अगले चुनाव को लेकर विशेषज्ञों ने एक चेतावनी जारी की है जिसमें कहा गया है कि न केवल रूस बल्कि कई देश यूएसए में होने वाले चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि इस सूची में रूस सबसे आगे हैं। पिछले हफ्ते द वाशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए साइबर स्पेस विशेषज्ञों ने मतदाताओं को लिए इसे वेक-अप कॉल कहते हुए चेतावनी दी थी।
इन देशों का नाम सबसे आगे
इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि विदेशी जासूसी सेवाएं जो अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने के लिए सूचना संचालन का उपयोग कर रही हैं, उनमें रूस, इजराइल, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, वेनेजुएला और चीन शामिल हैं। चुनाव का प्रभावित करने के लिए यूट्यूब, ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लिये जाने की बात कही गई है। इसके अलावा चुनाव को प्रभावित करने के लिए अमेरिकी पारंपरिक मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है।
कुछ को पकड़ना मुश्किल है
फायरआई, ग्रैफिका और अन्य सारबरस्पेस और नेटवर्क विश्लेषण फर्मों के विश्लेषकों ने द पोस्ट को बताया है कि कुछ सूचना ऑपरेशनों को पकड़ना मुश्किल हैं। क्योंकि राज्य सुरक्षा सेवा का उपस्थित हर समय स्पष्ट नहीं होती है। लेकिन ट्वीट, फेसबुक पोस्ट और ऑनलाइन वीडियो में जो कंटेट परोसे जाते हैं उनका असर लंबे वक्त तक रहता है। खासकर विदेशी सरकारों की बयानबाजी और उनके भू-राजनीतिक उद्देश्यों को बढ़ावा देना है। विश्लेषकों ने चुनाव को प्रभावित करने के पीछे अलग-अलग उद्देश बताया है।
चुनाव प्रभावित करने के पीछे की ये है कहानी
इस प्रकार रूस, इजरायल और सऊदी सूचना संचालन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए मजबूत राजनीतिक समर्थन व्यक्त करते हैं। क्योंकि ये विकास के मुद्दे से देखती है और जो उनके राष्ट्रीय हित तो को आगे बढ़ाएगा। इसके अलावा इरान का सूचना तंत्र ईरान परमाणु समझौते पर अपना नकारात्मक रुख और यमनी गृहयुद्ध में सऊदी अरब के हस्तक्षेप के समर्थन के लिए ट्रंप की लताड़ लगाते नजर आते हैं। द पोस्ट के मुताबिक अमेरिका में 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा गर्मजोशी देखने को मिल सकती है। इसलिए यह तय है कि कई विदेश जासूसी एजेंसिया इसे प्रभावित करने की कोशिश करेंगी।
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