कमला हैरिस ही नहीं ये सभी भारतीय दूसरे देशों में बड़े राजनीतिक पदों तक पहुंचे हैं
नई दिल्ली- अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए भारतीय-अमेरिकी महिला के रूप में कमला हैरिस का चुनाव कई मायने में पहला है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनने वाली वह पहली महिला, पहली अश्वेत महिला, पहली भारतीय-अमेरिकी और अमेरिका में पहली अप्रवासी की बेटी हैं। लेकिन, वैश्विक नेताओं के रूप में उभरे भारतीय मूल के राजनेताओं में कमला हैरिस पहली नहीं हैं। उनसे पहले भी कई ऐसे भारतीय मूल के लोग या भारतवंशी हुए हैं, जो अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में शीर्ष सियासी पदों तक पहुंच चुके हैं।
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प्रियंका
राधाकृष्णन
प्रियंका
राधाकृष्णन
न्यूजीलैंड
की
भारतीय
मूल
की
पहली
मंत्री
हैं।
चेन्नई
में
जन्मीं
मलयाली
माता-पिता
की
संतान
41
साल
की
प्रियंका
को
वहां
डायवर्सिटी
मिनिस्टर
के
तौर
पर
नियुक्त
किया
गया
है।
हाल
ही
में
उनका
एक
वीडियो
खूब
वायरल
हुआ
है,
जिसमें
वह
न्यूजीलैंड
की
संसद
में
पहली
बार
मलयालम
में
भाषण
दे
रही
हैं।
(तस्वीर
सौजन्य-सोशल
मीडिया)
प्रीति
पटेल
2019
में
प्रीति
पटेल
को
यूनाइटेड
किंग्डम
के
गृह
विभाग
में
सेक्रेटरी
ऑफ
स्टेट
नियुक्त
किया
गया।
वो
48
साल
की
हैं।
2013
में
उन्हें
वहां
के
तत्कालीन
प्रधानमंत्री
डेविड
कैमरन
ने
पहली
बार
यूके-इंडियन
डायसपोरा
चैंपियन
नियुक्त
किया
था।
निक्की
हेली
48
साल
की
निक्की
हेली
संयुक्त
राष्ट्र
में
अमेरिकी
राजदूत
रह
चुकी
हैं।
इस
बार
अगर
कमला
हैरिस
डेमोक्रैटिक
पार्टी
से
अमेरिकी
उपराष्ट्रपति
चुनी
गई
हैं
तो
2024
में
निक्की
हेली
को
रिपब्लिकन
पार्टी
से
राष्ट्रपति
पद
का
सशक्त
उम्मीदवार
माना
जा
रहा
है।
अमेरिका
के
किसी
भी
प्रशासन
में
वह
कैबिनेट
रैंकिंग
का
दर्जा
पाने
वाली
पहली
भारतीय-अमेरिकी
थीं।
वह
अमेरिका
की
सबसे
युवा
गवर्नर
और
साउथ
कैरोलिना
की
पहली
महिला
गवर्नर
भी
रह
चुकी
हैं।
ऋषि
सुनक
ऋषि
सुनक
यूके
के
वित्त
मंत्री
हैं।
वह
इंफोसिस
कंपनी
के
संस्थापक
एनआर
नारायणूर्ति
के
दामाद
हैं
और
2015
में
कंजर्वेटिव
पार्टी
के
सांसद
चुने
जा
चुके
हैं।
40
साल
के
सुनक
को
यूके
में
उन्हें
भविष्य
के
लिए
प्रधानमंत्री
पद
का
प्रबल
दावेदार
माना
जाता
है।
हालांकि,
वह
खुद
इस
बात
से
इनकार
करते
हैं
कि
उनकी
पीएम
पद
पर
नजर
है।
वो
कहते
हैं,
'हे
भगवान!
नहीं।
निश्चित
तौर
पर
नहीं,
यह
देखने
के
बाद
कि
पीएम
को
किन
चीजों
से
गुजरना
पड़ता
है।'
लियो
वराडकर
2017
में
लियो
वराडकर
ने
आयरलैंड
के
सबसे
युवा
और
'गे'
प्रधानमंत्री
बनकर
इतिहास
रच
दिया
था।
41
साल
के
वराडकर
के
पिता
भारतीय
और
मां
आयरिश
महिला
हैं।
वो
पेशे
से
डॉक्टर
हैं
और
24
साल
की
उम्र
में
पहली
बार
काउंसिलर
चुने
जा
चुके
हैं।
जून
में
उन्होंने
पद
छोड़
दिया
था।
इन वैश्विक राजनेताओं के अलावा कई बड़ी ग्लोबल कंपनियों की लीडरशिप भी भारतीयों के हाथों में रही हैं। इनमें पेप्सिको में इंदिरा नूई, मास्टरकार्ड में अजय बंगा, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला और गूगल के सीईओ पद पर सुदंर पिचाई कायम हैं।