युद्ध में बिछड़े अपनों से 15 अगस्त को मिल सकेंगे नॉर्थ और साउथ कोरिया के परिवार
नॉर्थ और साउथ कोरिया दोनों अब उन परिवारों के मिलन की तैयारी कर रहे हैं जो कोरियाई युद्ध की वजह से बिछड़ गए थे। शुक्रवार को दोनों देशों के अधिकारी मिले और उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की। साल 1950 से 1953 तक कोरियाई देशों के बीच युद्ध चला था और इसके बाद दोनों देश अलग हो गए थे।
सियोल। नॉर्थ और साउथ कोरिया दोनों अब उन परिवारों के मिलन की तैयारी कर रहे हैं जो कोरियाई युद्ध की वजह से बिछड़ गए थे। शुक्रवार को दोनों देशों के अधिकारी मिले और उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की। साल 1950 से 1953 तक कोरियाई देशों के बीच युद्ध चला था और इसके बाद दोनों देश अलग हो गए थे। इस बंटवारे की वजह से कई लोग अपनेपरिवार से भी दूर हो गए थे। अप्रैल में कोरियाई समिट में नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बाद से दोनों देश लगातार कूटनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
आज होगी मीटिंग में चर्चा
सियोल के यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री की ओर से बताया गया है कि मीटिंग में उन उपायों पर चर्चा होगी जिसके तहत एक एग्रीमेंट लाया जाएगा। यह एग्रीमेंट अप्रैल में किम जोंग उन और मून जे इन के बीच हुई मुलाकात पर ही आधारित होगा। किम और मून मई में दोबारा मिले थे। उनकी इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच शांति के कई रास्तों को खोल दिया। दोनों देश हाल ही में इस बात पर भी राजी हुए हैं कि उनके बीच एक हॉटलाइन शुरू की जाए। इसके अलावा इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों के लिए ज्वाइन्ट टीमें भी भेजी जाएंगी।
15 अगस्त को मिली थी दोनों देशों को आजादी
15 अगस्त को दोनों देशों के उन तमाम परिवारों को मिलाया जाएगा जो युद्ध के दौरान बिछड़ गए थे। 15 अगस्त 1945 को दोनों देशो को वर्ल्ड वॉर टू के खत्म होने के बाद जापान से आजादी मिली थी। शुक्रवार की मीटिंग में परिवारों वालों के रि-यूनियन की तारीख और जगह तय की जाएगी। इसके अलावा कितने लोग इसमें शामिल होंगे इनकी संख्या का निर्धारण भी किया जाएगा। हालांकि यह मुलाकात खटाई में पड़ सकती है अगर नॉर्थ कोरिया के अधिकारी रि-यूनियन के बदले बार-बार उन 12 रेस्टोरेंट्स वर्कर्स को देश भेजने की मांग करते रहे जो साउथ कोरिया की जेल में बंद हैं।
आखिरी बार साल 2015 में हुआ रि-यूनियन
कोरियाई देशों ने आखिरी बार साल 2015 में फैमिली रि-यूनियन कराया था। उसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते लगातार बिगड़ते चले गए क्योंकि नॉर्थ कोरिया की तरफ से लगातार लंबी दूरी की परमाणु ताकत से लैस मिसाइलों का परीक्षण किया जाता रहा। कोरियाई युद्ध के बाद से दोनों देशों ने अपने नागरिकों को बॉर्डर के उस तरफ बसे अपने रिश्तेदारों से मिलने पर बैन लगा रखा है। साल 2000 से साल 2015 तक करीब 20 बार रि-यूनियन हुआ है जिसमें 20,000 कोरियाई नागरिक शामिल हुए हैं।
लॉटरी सिस्टम से होगा चयन
रि-यूनियन के अलावा साउथ कोरियाई अधिकारी एक सर्वे का प्रस्ताव भी दे सकते हैं जिसके तहत नॉर्थ कोरिया मे युद्ध में बचे किसी परिवार के सदस्यों के बारे में पता लग सकेगा। इसके साथ ही क्रॉस बॉर्डर होम टाउन विजिट और चिट्ठियों के एक्सचेंज की भी मंजूरी दी जा सकती है। युद्ध के बाद जो भी लोग दोनों कोरियाई देशों में रह रहे हैं वे काफी बूढ़े हो चुके हैं और अब उनकी उम्र 80 से 90 वर्ष के बीच होगी। साउथ कोरियन ऑफिसर्स के मुताबिक 132,000 साउथ कोरियंस की तरफ से रि-यूनियन के लिए अर्जी दी गई थी लेकिन इसमें से 75,000 की मौत हो चुकी है। साउथ कोरिया कंप्यूटराइज्ड लॉटरी सिस्टम के तहत रि -यूनियन में हिस्सा लेने वालों को चयन करता है।