अपनी ही बुलेट प्रूफ ट्रेन से चार हजार किमी चलकर ट्रंप से मिलने पहुंचे किंम जोंग उन
नई दिल्ली। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 27-28 फरवरी को वियतनाम में दूसरी मुलाकात हुई। किम, वियतनाम ट्रेन से पहुंचे और ट्रेन से उन्होंने 3,467 किमी का सफर तय करेंगे। पिछले साल ट्रंप और किम के बीच सिंगापुर में ऐतिहासिक मुलाकात हुई थी, इस बार हनोई में दोनों देशों के नेताओं के बीच 27-28 फरवरी को एक बार फिर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
पहली बार कई आई सुर्खियों में
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की ट्रेन उस समय पहली बार खबरों में आई थी जब वह पिछले वर्ष अप्रैल में चीन की राजधानी बीजिंग तक एक स्पेशल ट्रेन पहुंचे थे। जैसे ही हरे रंग की यह ट्रेन बीजिंग पहुंची दुनिया में हलचल मच गई थी। किम जोंग उन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सीक्रेट टॉक्स के लिए बीजिंग गए थे। जिस ट्रेन से किम चीन की सीक्रेट विजिट पर थे, उसी ट्रेन से उनके पिता और उनके दादा भी सफर करते थे। किम के पिता और उनके दादा भी इसी तरह से कुछ ही मौकों पर विदेश के दौरे पर जाते थे और जब-जब यह ट्रेन उन्हें लेकर रवाना होती थी, उनका हर दौरा चर्चा का विषय बन जाता था। किम की यह ट्रेन बुलेट पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है और हर तरह के हथियारों से भी लैस है। अब जबकि किम के चीन दौरे की आधिकारिक पुष्टि चीन की तरफ से हो गई है तो आपको इस ट्रेन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में भी जान लेना चाहिए।
इंटेलीजेंस रिपोर्ट्स से सामने आई ट्र्रेन की खासियत
इंंटेलीजेंस रिपोर्ट्स से सामने आई ट्र्रेन की खासियत अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस ट्रेन के बारे में जितनी भी बातें आज लोगों को मालूम हैं, वे सब इंटेलीजेंस रिपोर्ट्स का हिस्सा हैं। ये रिपोर्ट्स उन इंटेलीजेंस ऑफिसर्स की ओर से तैयार की गई थी जिन्हें पूर्व में इस ट्रेन से सफर करने का मौका मिल सका था। बताया जाता है कि इस ट्रेन में 90 कोच हैं और वह हर तरह की हाई सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स से लैस हैं। साल 2009 में साउथ कोरिया की ओर से इस ट्रेन के बारे में पहली बार हर जानकारी को लोगों से शेयर किया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल जब शासक थे तो उनके किसी दौरे पर जाते समय तीन ट्रेनें उनके लाव-लश्कर का हिस्सा होती थीं। पहली ट्रेन में एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम होता था, दूसरी ट्रेन किम जोंग इल की होती थी और तीसरी ट्रेन में बॉडीगार्ड और सप्लाई का सामान होता था।
बुलेटप्रूफ होने की वजह से स्पीड कम
बुलेटप्रूफ होने की वजह से स्पीड कम ट्रेन का हर कोच पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है और इसकी वजह से यह साधारण ट्रेन की तुलना में कई गुना भारी है। इसके वजन की वजह से ही ट्रेन की स्पीड काफी कम रहती है और ये ट्रेनें सिर्फ 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ही दौड़ पाती हैं। साल 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक जब किम जोंग इल सफर करते थे तो उनके साथ 100 सिक्योरिटी ऑफिसर्स एडवांस ट्रेन में सफर करते थे। ये ऑफिसर्स हर स्टेशन की तलाशी लेते थे कि कहीं किसी स्टेशन पर कोई बम या फिर ट्रैक को किसी तरह को कोई खतरा तो नहीं है। एडवांस ट्रेन के अलावा मिलिट्री हेलीकॉप्टर और कई तरह के एयरक्राफ्ट भी एक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए हवा में रहते थे। पूरे नॉर्थ कोरिया में 20 खास स्टेशन इस ट्रेन के लिए तैयार किए गए हैं और इन स्टेशनों को सिर्फ किम जोंग उन के पिता ही प्रयोग करते थे। नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी को कभी-कभी ट्रेन के अंदर नेताओं से बात करने की मंजूरी दी गई थी।
कांफ्रेंस रूम से लेकर टीवी रूम तक
कांफ्रेंस रूम से लेकर टीवी रूम तक साल 2015 में किम जोंग उन का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह एक कांफ्रेंस रूम में टेबल पर सिगरेट के साथ कुछ लोगों से बातचीत करते नजर आ रहे थे। इसी तरह का एक वीडियो साल 2011 में भी सामने आया था और उस समय उनके पिता किम जोंग इल इसी कांफ्रेंस रूम में मौजूद थे। कहा जाता है कि किम जोंग इल को फ्लाइट से डर लगता था और इसलिए ही वह कहीं भी जाते तो इस ट्रेन से ही सफर करते थे। इस ट्रेन में मॉर्डन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी के साथ ही एक अच्छा-खासा स्टाफ भी हर पल मौजूद रहता है। इस ट्रेन में घर जैसे सोफे, खाने-पीने के लिए अलग डिब्बा है। ट्रेन में फ्लैट टीवी है और इन सबकी वजह से यह ट्रेन आपको किसी भी तरह से घर से कम नहीं लगेगी।
हर तरह की शराब और लड़कियां भी ट्रेन में
हर तरह की शराब और लड़कियां भी ट्रेन में न्यूयॉर्क टाइम्स ने रूस के अधिकारी कॉनस्टैनटिन पुलिकोवस्की के हवाले से लिखा है कि ट्रेन के अंदर आप रशियन, चाइनीज, कोरियन, जापानी और फ्रेंच हर तरह के खाने की फरमाइश कर सकते हैं। कॉनस्टैनटिन ने साल 2011 में किम जोंग इल के साथ सफर किया था जब वह रूस दौरे पर गए थे। किम ने उस समय जिंदा लॉबस्टर और दूसरी फ्रेश चीजों को ट्रेन के अंदर मंगवाया था जब वह साइबेरिया से गुजर रहे थे। इसके अलावा पेरिस से खास बरगंडी और बोर्डेयूक्स वाइन मंगवाई गई थी। इसके अलावा किम की इस ट्रेन के अंदर मनोरंजन के लिए कुछ लड़कियां भी थीं जिन्हें 'लेडी कंडक्टर्स' कहा गया था। किम जोंग उन को अपने पिता की तरह सफर के दौरान मनोरंजन और खाने-पीने का शौक है। किम जोंग उन सफर के दौरान स्विस चीज, क्रिस्टल शैंपेन और हेनेसी कोनयाक जैसी शराब का आनंद उठाते हैं।