इटली में उत्तर कोरिया के राजदूत हुए लापता
उत्तर कोरिया के जो भी राजदूत दूसरे देशों में नियुक्त होते हैं उनके किसी ना किसी परिजन को उत्तर कोरिया में रोक लिया जाता है, जिससे उस राजदूत को इस तरह बिना बताए भागने से रोका जा सके
हालांकि जो सोंग-गिल के मामले में उनकी पत्नी और बच्चों को उनके साथ रोम भेज दिया गया था क्योंकि ऐसा जो सोंग-गिल एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
इटली में उत्तर कोरिया के एक राजदूत लापता हो गए हैं. यह जानकारी दक्षिण कोरिया की खुफ़िया एजेंसी के अधिकारियों ने दी है.
इसके साथ कुछ अपुष्ट रिपोर्टों के ज़रिए यह बताया गया है कि उत्तर कोरियाई राजदूत जो सोंग-गिल को किसी पश्चिमी देश ने शरण दे दी है.
कहा जाता है कि जो सोंग-गिल उत्तर कोरिया के एक बेहद उच्च अधिकारी के बेटे या फिर दामाद भी हैं.
इससे पहले लंदन में मैजूद उत्तर कोरिया के उप राजदूत के भागने की ख़बरें आई थीं. साल 2016 में थाए योंग-हो ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. वो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दक्षिण कोरिया चले गए थे.
उस समय थाए योंग-हो के इस कदम को किम जोंग उन के शासन के ख़िलाफ़ माना गया था. ऐसा समझा गया था कि योंग-हो दुनियाभर में किम जोंग उन के ख़िलाफ़ सूचनाएं प्रसारित कर सकते हैं.
खुफ़िया एजेंसी की तरफ से जानकारी मिलने के बाद दक्षिण कोरियाई सरकार के सांसद किम मिन-की ने बताया कि जो सोंग-गिल करीब एक महीना पहले रोम स्थित दूतावास से भाग गए थे.
किम मिन की ने बताया, ''रोम मौजूद उत्तर कोरिया के कार्यरत राजदूत जो सोंग-गिल का कार्यकाल पिछले साल नवंबर में समाप्त हो रहा था लेकिन वे नवंबर की शुरुआत में ही कहीं चले गए.''
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफ़िया सेवा ने बताया है कि जो सोंग का किसी के साथ कोई संपर्क नहीं है.
माना जा रहा है कि जो सोंग की पत्नी उन्हीं के साथ हैं.
वहीं इटली के विदेश मंत्रालय ने बीबीसी को बताया है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि जो सोंग ने किसी देश में शरण की अर्जी डाली थी या नहीं.
इटली में मौजूद सूत्रों के अनुसार इटली के अधिकारियों को अंतिम बार जो सोंग के बारे में तब सूचना मिली थी जब उत्तर कोरियाई सरकार ने उनके बदले किसी अन्य की नियुक्ति की बात बताई थी.
इस बीच दक्षिण कोरिया के एक समाचार पत्र ने एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट लिखी है कि जो सोंग अपने परिवार के साथ सुरक्षित हैं.
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कौन हैं जो सोंग-गिल
सोल में मौजूद बीबीसी संवाददाता लौरा बिकर ने जो सोंग-गिल के बारे में अधिक जानकारी दी है.
वे बताती हैं कि उत्तर कोरियाई सरकार के किसी भी बड़े अधिकारी या राजदूत का इस तरह गायब होना शर्मिंदगी का मसला बन जाता है.
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया के अनुसार आमतौर पर इस तरह की ख़बरें दक्षिण कोरिया या अमरीका की तरफ से फैलाई जाती हैं जिससे दुनियाभर में उत्तर कोरियाई शासन को बदनाम किया जा सके.
थाए योंग-हो ने लंदन छोड़ने के बाद बताया था कि उन्होंने अपने पद से इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि वे अपने बेटों को अच्छे माहौल में शिक्षित करना चाहते थे.
थाए योंग-हो ने दक्षिण कोरिया में मौजूद पत्रकारों को बताया है कि उन्होंने जो सोंग-गिल के साथ काम किया था. उन्होंने दावा किया कि जो सोंग-गिल इटली की कुछ कंपनियों के साथ मिलकर उत्तर कोरिया में महंगे सामान की डिलिवरी करवाते थे.
इसके अलावा उनके पास उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की जानकारी होने की आशंका भी है. यह एक ऐसी जानकारी है जिसे अमरीकी खुफ़िया विभाग जुटाना चाहता है.
हालांकि अभी भी यह सवाल बरकरार है कि 48 वर्षीय जो सोंग-गिल कहां हैं, उन्होंने किस देश में शरण ली है और उनका परिवार उनके साथ है या नहीं.
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जो सोंग-गिल ने अक्टूबर 2017 में रोम में राजदूत का पद संभाला था. इससे पहले इटली ने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के चलते उनके तत्कालीन राजदूत मुन जोंग-नम को हटा दिया था.
उत्तर कोरिया के लिए इटली में अपना राजदूत होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन रोम में ही मौजूद है. उत्तर कोरिया में अक्सर खाने की कमी होती रहती है.
उत्तर कोरिया के जो भी राजदूत दूसरे देशों में नियुक्त होते हैं उनके किसी ना किसी परिजन को उत्तर कोरिया में रोक लिया जाता है, जिससे उस राजदूत को इस तरह बिना बताए भागने से रोका जा सके.
हालांकि जो सोंग-गिल के मामले में उनकी पत्नी और बच्चों को उनके साथ रोम भेज दिया गया था क्योंकि ऐसा जो सोंग-गिल एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
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