नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच हुई 'नॉ वॉर' डील, किम करेंगे अपने न्यूक्लियर साइटों को बंद
प्योंगयांग। कोरियाई प्रायद्वीप में अशांति और अस्थिरता को खत्म करने के लिए नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच बुधवार को ज्वॉइंट मिलिट्री एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के तहत दोनों ही देशों ने आपसी तनातनी और युद्ध जैसी स्थिति को खत्म करने का वादा किया है। इस महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ज्वॉइंट कांफ्रेंस में साउथ कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा कि 'गैर युद्ध का दौर शुरू हो गया है।' इस समझौते के बाद प्योंगयांग अपने योंगब्योन न्यूक्लियर साइट को खत्म करने पर सहमति व्यक्त की है। नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच तीसरी मीटिंग थी।
क्या था ज्वॉइंट एग्रीमेंट में?
अपनी तीन दिनों की यात्रा के लिए प्योंगयांग पहुंचे साउथ कोरियाई राष्ट्रपति मून ने दूसरे दिन नॉर्थ कोरियाई सुप्रीम लीडर किम जोंग उन के साथ एक क्लॉज डोर हॉल में ज्वॉइंट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। समझौते के एक हिस्से के रूप में नॉर्थ कोरिया ने प्रासंगिक विशेषज्ञों की उपस्थिति के तहत टोंगचेंज-री इंजन परीक्षण और मिसाइल लॉन्चिंग साइट को स्थायी रूप से बंद करने का वाद किया है। मून ने कहा कि किम योंगब्योन परमाणु साइट को भी बंद करने पर सहमत हुए हैं, जहां नॉर्थ कोरिया ने अपने परमाणु परीक्षणों में उपयोग में लाई जानी वाली वाली सामग्री का उत्पादन किया है। प्रेस कांफ्रेंस में किम जोंग उन ने कहा, 'दुनिया अब यह देखने जा रही है कि दो विभाजित राष्ट्र अपने आप में एक नया भविष्य कैसे लाएंगे।'
अमेरिका ने किया वेलकम
नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर इसी साल सिंगापुर समिट में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे, लेकिन इस बार साउथ कोरिया ने इन दोनों देशों के बीच मीडिएटर की भूमिका निभाई है। प्योंगयांग में नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच हुए इस समझौते के बाद ट्रंप ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'किम जोंग उन ने अंतिम समझौते के तहत परमाणु निरीक्षणों की अनुमति देने और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की उपस्थिति में एक परीक्षण स्थल को स्थायी रूप से नष्ट करने के लिए सहमति व्यक्त की है। इस बीच रॉकेट या परमाणु परीक्षण नहीं होगा। इसके अलावा, नॉर्थ और साउथ कोरिया 2032 ओलंपिक की मेजबानी के लिए संयुक्त बोली दर्ज करेगा। बहुत ही रोमांचक है!'
मून ने दिया किम को सियोल आने का निमंत्रण
परमाणु निरस्त्रीकरण के अलावा दोनों देशों के बीच इंटर-कोरियन लिंक बढ़ाने पर भी समहति बनी है। इस योजना की घोषणा में कहा गया है कि दोनों देश एक दूसरे से रेल और रोड़ लिंक से जुड़ेंगे। इसके अलावा कोरियाई युद्ध में पीड़ित परिवारों को फिर से बसाने और हेल्थ केयर योजना पर दोनों देश मिलकर काम करेंगे। नॉर्थ कोरिया के दौरे पर मून अपने साथ कई साउथ कोरियाई कंपनियों के एग्जीक्यूटर्स को भी लेकर गए थे, जो किम के देश में निवेश की योजना बनाएंगे। मून ने किम को इस साल के अंत तक सियोल आने का निमंत्रण दिया है।
ये भी पढ़ें: किम जोंग उन अब इतने क्रूर नहीं रहे, मून ने बदल डाला पूरे कोरियाई प्रायद्वीप का नजारा