उत्तर कोरिया: किम जोंग-उन के जूतों में ऐसा क्या ख़ास है
पिछले हफ़्ते तानाशाह किम जोंग-उन ने उत्तर कोरिया की सरहद पार कर दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर क़दम रख इतिहास रच दिया.
संघर्ष, दुष्प्रचार, प्रतिबंधों, धमकियों, सैन्य अभ्यासों, मुक़दमों, परमाणु ख़तरों से भरे बीते 70 सालों में ये पहला मौका था जब उत्तर कोरिया का कोई नेता अपने सबसे कट्टर दुश्मन के यहां गया था.
पिछले हफ़्ते तानाशाह किम जोंग-उन ने उत्तर कोरिया की सरहद पार कर दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर क़दम रख इतिहास रच दिया.
संघर्ष, दुष्प्रचार, प्रतिबंधों, धमकियों, सैन्य अभ्यासों, मुक़दमों, परमाणु ख़तरों से भरे बीते 70 सालों में ये पहला मौका था जब उत्तर कोरिया का कोई नेता अपने सबसे कट्टर दुश्मन के यहां गया था.
किम जोंग-उन के क़दम जब सरहद पार कर दक्षिण कोरिया ज़मीन पर अपने समकक्ष मून जे-इन के स्वागत के लिए पड़े तो मीडिया से लेकर विशेषज्ञों तक की नज़र हर बारीक से बारीक पहलू पर थी. यहां तक कि किम जोंग-उन के जूते भी लोगों की निगाहों में थे.
अभी तक किम जोंग-उन की जो भी तस्वीरें दुनिया के सामने आती थीं, वे उत्तर कोरिया की मीडिया की तरफ़ से ज़ारी की हुई होती थीं. विशेषज्ञों का ये मानना था कि इन तस्वीरों पर काम किया जाता था.
शायद यही वजह है कि किम जोंग उन जूतों को लेकर भी लोगों में जिज्ञासा पैदा हो गई, कई तरह की बातें कही-सुनी जाने लगी. इसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दक्षिण कोरिया के एक जाने-माने अख़बार ने किम जोंग-उन के जूतों पर अध्ययन के लिए सात विशेषज्ञों की टीम बना डाली.
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सवाल जो मायने रखते हैं...
मीडिया के लिए किसी नेता के हाव-भाव और पहनावे से लेकर जूते तक जैसी बातें अहम होती हैं. ख़ासकर बात जब उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की हो तो इस देश के अनूठेपन की वजह से भी ये बातें मायने रखती हैं.
कुछ दक्षिण कोरियाई और अमरीकी जानकारों का मानना है कि ये बातें किसी नेता की सेहत और उसकी दिमागी हालत का अंदाज़ा देते हैं. किम जोंग-उन के बारे में दुनिया को ज़्यादा कुछ मालूम नहीं है और जो बाते पता भी हैं, वे उत्तर कोरिया के प्रॉपैगैंडा सिस्टम से छनकर आई हैं.
अमरीकी अख़बार वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि इन ब्योरों के आधार पर किसी देश को लेकर नीतियां बनाई जा सकती हैं. उदाहरण के लिए अगर किम जोंग-उन किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो उनके नेतृत्व और उत्तर कोरिया में सत्ता के उत्तराधिकार को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं.
लेकिन बात यहीं पर आकर रुक जाती है कि अब कौन सी नई बात सामने आई हैं और किम जोंग उन के जूते इतने ख़ास क्यों हो गए हैं?
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नई तस्वीरें, ऊंचे जूते
हालांकि उत्तर कोरिया ने किम जोंग उन के बारे में बहुत सी बातों को सात पर्दों के भीतर ही रखा है लेकिन इसके बावजूद ज़ारी की गई तस्वीरों से विशेषज्ञों ने उनकी सेहत के बारे में कई अंदाज़े लगाए हैं.
विशेषज्ञ जिस बुनियादी बात पर सहमत हुए हैं, वो ये है कि किम जोंग उन का वजन ज़्यादा है और उन्हें चलने में दिक्कत होती है. साल 2014 में एक रिकॉर्डिंग सामने आई थी जिसमें किम जोंग उन को चलने में आने वाली परेशानी से जूझते देखा जा सकता था.
किम जोंग-उन की आधिकारिक तस्वीरों को देखकर विशेषज्ञों ने उनकी बायीं कान से लेकर पास पड़ी ऐशट्रे तक से ये अंदाज़ा लगाया कि किम सिगरेट बहुत पीते हैं. हालांकि उत्तर कोरिया की सरकार अपने नागरिकों से धूम्रपान से बचने की अपील करती है.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से किम की मुलाकात की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे विशेषज्ञों ने अंदाज़ा लगाया है कि किम जोंग-उन की चलने की तकलीफ़ फिर उभर गई है और कुछ एक लम्हों से ऐसा भी लगा कि उन्हें शायद सांस की भी कोई समस्या है.
हालांकि विशेषज्ञों ने इस बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया. ये भी कहा जा रहा है कि शायद मून जे-इन से मुलाकात को लेकर पैदा हुए तनाव की वजह से किम का 'दम फूल रहा' हो. और इन सब के बीच किम के जूते नई बहस को हवा दे रहे हैं.
किम के जूतों का रहस्य
राष्ट्रपति मून जे-इन से किम की मुलाकात की शुरुआत से ही विशेषज्ञों की नज़र उत्तर कोरिया के नेता के जूतों पर है. किम सामान्यतः ढीले पैंट पहनते हैं जिनसे उनके जूते कवर हो जाते हैं. कुछ लोगों का ये मानना है कि किम जोंग उन शायद ऐसी पतलून कुछ छिपाने के मक़सद से पहनते हैं.
पिछले हफ़्ते जो इस मुलाकात की जो तस्वीरें सामने आईं, उनसे ये लगा कि किम के जूतों का हिल कुछ ज़्यादा ही ऊंचा है. पुरुष अमूमन इतने ऊंचे हिल वाले जूते नहीं पहनते हैं. कई विशेषज्ञों ने इस बारीक़ पहलू पर नज़र डाली है.
दक्षिण कोरिया के अख़बार 'चोसुन इल्बो' ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि सालों तक उत्तर कोरिया अपने नेताओं की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट करता रहा है. किम जोंग उन के पिता किम जोंग-द्वितीय भी हाई हिल के जूते पहना करते थे.
कई विशेषज्ञों ने इसका मतलब ये लगाया था कि वे खुद को एक लंबे कद के नेता के तौर पर पेश करना चाहते थे. ये बात किम जोंग-उन पर भी लागू हो सकती है. किम जोंग द्वितीय की लंबाई 157 सेंटीमीटर थी जबकि कि किम जोंग-उन 170 सेंटीमीटर लंबे हैं.
ट्रंप का तंज
लेकिन दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से मुलाकात के वक़्त इस अनुमान की विरोधाभासी बातें सामने आईं. हाई हिल के जूते पहनने के बाद भी वे 167 सेंटीमीटर लंबे मून जे-इन से नाटे दिख रहे थे. दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञों का कहना है कि किम मून जे-इन से पांच सेंटीमीटर छोटे हैं.
लेकिन उत्तर कोरिया के नेताओं के लिए लंबा होना इतना अहम क्यों है?
कुछ विशेषज्ञ ये मानते हैं कि सत्ता से जुड़ी छवि को लेकर बनी धारणाओं के मामले में उत्तर कोरिया कोई अनूठा देश नहीं है. वहां भी लंबे कद को सत्ता और आदर का प्रतीक माना जाता है.
किम को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी कभी 'लिटिल रॉकेट मैन' कहकर तंज किया था. नवंबर, 2017 में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक ट्वीट किया था, "किम जोंग-उन ने मुझे बूढ़ा कहकर मेरा अपमान क्यों किया. मैंने तो कभी उन्हें ठिगना और मोटा नहीं कहा."
https://twitter.com/realdonaldtrump/status/929511061954297857