परमाणु हथियार के लिए नॉर्थ कोरिया बना चोर, किम जोंग उन के इशारे पर $300 मिलियन की चोरी, UN रिपोर्ट में खुलासा
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने न्यूक्लियर हथियार बनाने के लिए 300 मिलियन डॉलर की चोरी की है।
नई दिल्ली: नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने न्यूक्लियर हथियार बनाने के लिए पूरे देश को चोर बना दिया है। पिछले साल यानि 2020 में पूरे साल नॉर्थ कोरिया की सेना ने हैकर्स का काम करते हुए पूरी दुनिया में चोरी मचाई है। बताया जा रहा है कि किम जोंग उन की सेना ने 300 मिलियन डॉलर की चोरी पूरी दुनिया से की है। यूनाइटेड नेशंस कि गुप्त रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। अमेरिकी न्यूज चैनल CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, UN की रिपोर्ट में सनकी तानाशाह को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं।
परमाणु बम बनाने के लिए चोरी
नॉर्थ कोरिया भले ही सबसे खराब आर्थिक हालात से गुजर रहा है मगर वो किसी भी हाल में देश को परमाणु शक्ति से संपन्न बनाना चाहता है। लेकिन, न्यूक्लियर हथियार बनाने के लिए अथाह पैसों की जरूरत होती है, लिहाजा नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने सैनिकों को चोरी करने की खुली छूट दे दी। जिसके बाद नॉर्थ कोरिया के सैनिकों ने पूरे साल हैकर्स का काम दिया। नवंबर 2019 से नवंबर 2020 तक वर्चुअल करेंसी की चोरी की। यूनाइटेड नेशंस के एक देश के एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने के शर्त पर बताया कि पिछले एक साल में 316.4 मिलियन डॉलर की चोरी की गई है। यूनाइटेड नेशंस में मौजूद उस अधिकारी के मुताबिक इन पैसों से नॉर्थ कोरिया अलग अलग मिसाइल और न्यूक्लियर हथियार बनना चाहता है। खासकर तानाशाह किम जोंग उन नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियार से लैश देखना चाहता है इसीलिए वो दुनिया का सबसे बड़ा चोर बन गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉर्थ कोरिया बैलिस्टिक मिसाइल की नई खेप तैयार करना चाहता है साथ ही वो परमाणु हथियारों की तकनीक खरीदने पर भी काफी जोर दे रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तानाशाह किम जोंग उन परमाणु बम और बैलिस्टिक मिसाइल के लिए अरबों खर्च कर चुका है, जिसकी वजह देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
अमेरिका को टक्कर देना अंतिम लक्ष्य
पिछले महीने एक पॉलिटिकल मीटिंग के दौरान नॉर्थ कोरिया के तानाशाह ने अपने अधिकारियों और देश के नेताओं से कहा था कि उसका लक्ष्य है कि देश के हर हिस्से में बैलिस्टिक मिसाइल लगे हैं और उसके हाथ में परमाणु हथियार का बटन हो, जैसा अमेरिका के राष्ट्रपति के हाथ में होता है। उसने कहा कि नॉर्थ कोरिया उन्नत मिसाइल और न्यूक्लियर प्रोग्राम की तरफ तेजी से बढ़ रहा है और उसके वैज्ञानिक ऐसा मिसाइल तैयार करने में जुटे हैं, जिससे अमेरिका को सीधी चुनौती दी जा सके। बताया जा रहा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने किम जोंग उन की काफी मदद की थी। और उसके पीछे डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन को सुधारने का अपना मकसद बताया था।
कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन से मुलाकात के दौरान उसे कुछ न्यूक्लियर हथियार बनाने के दस्तावेज भी सौंपे थे। और उसके बाद से ही नॉर्थ कोरिया का न्यूक्लियर प्रोग्राम काफी तेजी से आगे बढ़ा है और पैसे कम पड़ने पर किम जोंग उन ने देश की सेना को साइबर सेंधमारी करने को कहा। अमेरिका की पिछली सरकार ने नॉर्थ कोरिया को हथियार बनाने में काफी मदद दिया है लेकिन अब देखना होगा कि अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन नॉर्थ कोरिया को लेकर क्या रूख अपनाते हैं।
चोरी...पैसा कमाने का नया तरीका
यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में कोविड-19 की वजह से जब नॉर्थ कोरिया की सीमाओं को बंद करना पड़ा था तो देश में फॉरेन करंसी खत्म होने लगा। जिसके बाद किम जोंग उन को साइबर चोरी करने का ख्याल दिल में आया। नॉर्थ कोरिया से बड़ी तादाद में कोयले का एक्सपोर्ट होता है और UN की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल कोयला बेचकर नॉर्थ कोरिया ने 370 मिलियन डॉलर की कमाई की है। लेकिन, बावजूद इसके नॉर्थ कोरिया की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई। जिसके बाद कि जोंग उन पैसों के लिए पूरी तरह से चोर करने पर आमादा हो गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि नॉर्थ कोरिया सेना में सैकड़ों हैकर्स हैं, जिनका काम विश्व के अलग अलग ट्रांजेक्शन पर नजर रखना और मौका मिलते ही उन्हें चुरा लेना है। खासकर वर्चुअल करेंसी की सबसे ज्यादा चोरी नॉर्थ कोरिया के सैनिक कर रहे हैं।
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