इन 5 वजहों से नॉर्थ कोरिया के 'सनकी' किम जोंग उन का हुआ है हृदय परिवर्तन!
। नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन ने ऐलान किया है कि उनका देश अब किसी भी तरह के परमाणु परीक्षण को अंजाम नहीं देगा। उन्होंने कहा कि नॉर्थ कोरिया हर तरह के परमाणु परीक्षण को बंद कर रहा है। उनके इस ऐलान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक गुड न्यूज करार दिया।
वॉशिंगटन। नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन ने ऐलान किया है कि उनका देश अब किसी भी तरह के परमाणु परीक्षण को अंजाम नहीं देगा। उन्होंने कहा कि नॉर्थ कोरिया हर तरह के परमाणु परीक्षण को बंद कर रहा है। उनके इस ऐलान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक गुड न्यूज करार दिया। वहीं, किम के इस बदले हुए अंदाज ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर नजर रखने वाले कई विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है। साल 2011 में अपने पिता किम जोंग इल की मृत्यु के बाद देश का शासन संभालने वाले किम जब पहली बार देश के बाहर गए और चुपचान चीन पहुंचें तो किसी को यकीन नहीं हुआ। जानिए एक 'सनकी' किम जोंग उन से एक 'नरम दिल' वाले किम जोंग उन का हृदय परिवर्तन क्यों हुआ है और इसके पीछे की असली वजहें दरअसल क्या हैं?
देश की आर्थिक संपन्नता पर गया ध्यान
आपको जानकर हैरानी होगी कि जनवरी 2016 में जब नॉर्थ कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया था तो उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे। प्रतिबंधों और साल 2015 में आई भयंकर बाढ़ के बावजूद इस देश की अर्थव्यवस्था ने 17 वर्षों में वह मुकाम छुआ था जिसने हर क्षेत्र के विशेषज्ञों को चौंका दिया था। साल 2006 से ही नॉर्थ कोरिया पर यूनाइटेड नेशंस की ओर प्रतिबंध लगे हुए हैं। बैंक ऑफ कोरिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 2016 में यहां की जीडीपी दर में साल 2015 की तुलना में 3.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ। खनन और ऊर्जा की वजह से यहां की अर्थव्यवस्था में 1999 के बाद सबसे तेजी से विकास हुआ है। 1999 में नॉर्थ कोरिया ने 6.1 प्रतिशत की आर्थिक दर हासिल की थी। साल 2013 में यहां की जीडीपी में 11.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ था और यहां की निर्यात दर में भी 4.6 प्रतिशत की दर से इजाफा हुआ था। कई विशेषज्ञ तो नॉर्थ कोरिया की अर्थव्यवस्था को एक 'सीक्रेट वेपेन' तक करार देते हैं।
नॉर्थ कोरिया का मार्केट हो रहा है डेवलप
किम जोंग उन ने जब से सत्ता संभाली है तब से ही देश में आर्थिक सुधारों का दौर जारी है। देश में जरूरत के काम में आने वाली चीजों का सुपरमार्केट पूरी तरह से डेवलप हो चुका है लेकिन कई योजनाएं कमजोर साबित हो रही हैं। राशन कूपन को कैश से बदला गया जिसमें हार्ड करेंसी भी शामिल थी। साउथ कोरिया को भी नॉर्थ कोरिया की तरक्की के बारे में अच्छे से जानकारी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि किम अपने देश के नागरिकों को और ज्यादा बेवकूफ नहीं बना सकते हैं। वह इतनी अच्छी विकास दर और इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद भी लोगों में यह संदेश नहीं दे सकते हैं कि हम गरीब हैं और चीन या साउथ कोरिया का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। उन्हें अपने देश के नागरिकों को यह संदेश देना काफी जरूरी है कि मिसाइल परीक्षणों की तुलना में अब प्योंगयांग की आर्थिक तरक्की को दुनिया में जगह दिलानी है। इसी बात की वजह से कहीं न कहीं किम ने अपने रुख में परिवर्तन किया है।
प्रतिबंधों को हटाने की कोशिश
जरा सोचिए यूनाइटेड नेशंस और अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बाद जब नॉर्थ कोरिया की अर्थव्यवस्था से सकारात्मक नतीजे मिल सकते हैं, तो जब इस पर प्रतिबंध नहीं होंगे, तो यह कहां पहुंच जाएगी। शायद किम अब उनके देश पर लगे प्रतिबंधों को खत्म होते हुए देखना चाहते हैं। किम के बदले हुए रुख की पहली झलक साल 2016 में देखने को मिली थी जब उन्होंने पार्टी कांग्रेस को बुलाया था। साल 1980 के बाद पहला मौका था जब इस तरह की कोई पार्टी कांग्रेस हुई थी। इससे यह संदेश भी गया कि किम एक ऐसी व्यवस्था चाहते हैं जो एक सरकार की नीतियों के आसपास हो और एक बेहतर शासन का संदेश लोगों को दे सके। किम ने चीन की तर्ज पर विकास का सपना देखा है। उन्होंने देश के प्राइवेट प्रॉपर्टी सेक्टर को फ्री करने की योजना बनाई है। साथ ही वह इंफ्रास्ट्रक्चर को हथियारों की तर्ज पर प्राथमिकता देना चाहते हैं।
परमाणु परीक्षण से ऊब गए हैं किम
साल 2017 में नॉर्थ कोरिया ने 20 मिसाइलों का परीक्षण किया। तीन सितंबर को नॉर्थ कोरिया ने एक ऐसे हथियार का परीक्षण किया जिसे अमेरिका ने हाइड्रोजन बम माना। इसके बाद 28 नवंबर को नॉर्थ कोरिया ने एक नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया जिसकी रेंज 8,100 मील थी और यह आसानी से अमेरिका के किसी भी शहर को निशाना बना सकती है। इसके बाद किम जोंग उन ने नए वर्ष के मौके पर अपना वार्षिक संबोधन दिया और उन्होंने ऐलान किया कि नॉर्थ कोरिया ने परमाणु कार्यक्रम में जो सोचा था, अब वह हासिल कर लिया है। इसके साथ ही उन्होंने साउथ कोरिया में होने वाले विंटर ओलंपिक्स के लिए टीम भेजने का ऐलान किया। उनके इस सरप्राइज को जानकर साउथ कोरियन राष्ट्रपति मून जे इन खुशी से उछल पड़े थे। इसके बाद ओपनिंग सेरेमनी में नॉर्थ और साउथ कोरिया की टीमों ने साथ में मार्च किया। किम ने इस कार्यक्रम के लिए अपनी बहन को बतौर हाई ऑफिसर बनाकर भेजा। जब अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने उनकी बहन को नजरअंदाज किया तो भी किम ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
पत्नी और बहन हैं जिम्मेदार
कभी परमाणु परीक्षण की वजह से चर्चा में रहने वाले नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन इस समय अपने बदले हुए बर्ताव से लोगों को हैरान कर रहे हैं। एक माह के अंदर उनका एक नया ही अंदाज लोगों को देखने को मिला है। किम के बदले एटीट्यूड का श्रेय उनकी बहन किम यो जोंग और पत्नी रि सोल जो को दिया जा रहा है। किम और उनकी पत्नी की फोटो पहली बार सार्वजनिक तौर पर उस समय सामने आई जब वह बीजिंग गए। सिर्फ इतनी ही नहीं किम ने आधिकारिक तौर पर अपनी पत्नी को फर्स्ट लेडी का टाइटल दे दिया है। किम की बहन किम यो जोंग फरवरी में यो अपने परिवार से पहली सदस्य थीं जो साउथ कोरिया गई थीं। यहां उन्होंने साउथ कोरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। पिछले वर्ष अक्टूबर से ही वह अपने भाई की इमेज को बदलने की कोशिशों में लगी हुई हैं।
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