
किम जोंग उन की तरह ही बेहद शातिर और खतरनाक हैं उत्तर कोरिया की पहली महिला विदेश मंत्री चो सन हुई
प्योंगयांग, 12 जूनः उत्तर कोरिया में पहली बार एक महिला विदेश मंत्री की नियुक्ति हुई है। चो सन हुई पूर्व राजनयिक भी रह चुकी हैं। इसके साथ वह एक शीर्ष परमाणु वार्ताकार भी हैं। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की अध्यक्षता में पार्टी की आठवीं केंद्रीय समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया। किम जोंग उन ने बैठक में कहा है कि देश की संप्रभुता पर खतरे के दौरान वह ताकत के मुकाबले ताकत का इस्तेमाल करेंगे।

किम जोंग उन के साथ कर चुकी हैं काम
चो सन हुई लंबे समय से अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करने वाली प्योंगयांग की टीम के सदस्य हैं। इस दौरान वह किम जोंग उन के करीबी के रूप में काम कर चुकी हैं। चो सन हुई ने पूर्व सैन्य अधिकारी री सोन ग्वोन की जगह ली है। वह अंग्रेजी भाषा में दक्ष बतायी जाती हैं, अपने फैसले मनवाने में कुशल बतायी जाती हैं। चो सन हुई के बारे में बताया जाता है कि वह किम की तरह ही अनिश्चित, अप्रत्यशित फैसले करने वाली और बेहद खतरनाक हैं। वह किम और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हनोई शिखर सम्मेलन में भी गई थीं।

कोरिया महाद्वीप में तनाव
किम जोंग ने यह फैसला तब लिया है जब प्योंगयांग सातवें परमाणु परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। कोरिया महाद्वीप में कई दिनों से तनाव है। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है। उत्तर कोरिया की अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता लगभग रुकी हुई है। अमेरिका लगातार बातचीत का प्रस्ताव दे रहा है, लेकिन किम जोंग उन लगातार इसकी अनदेखी कर रहे हैं।

सातवां परमाणु परीक्षण करेगा कोरिया
उत्तर कोरिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि सुंग किम ने मंगलवार को कहा कि 2017 के बाद से उत्तर कोरिया अपना पहला और अब तक का सातवां परमाणु परीक्षण करना चाह रहा है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ओर से भी कहा गया है कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण के लिए एक जगह तैयार कर रहा है। हो सकता है ये परमाणु परीक्षण करे।

हथियायों की संख्या दोगुनी करने पर जोर
केसीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक किम ने पार्टी मीटिंग में हथियारों को संख्या दोगुना करने पर जोर दिया है। किम जोंग उन ने कहा कि हमारी सुरक्षा के लिए हमारा मजबूत होना जरूरी है। किम ने शुक्रवार को समाप्त हुए तीन दिवसीय राजनीतिक सम्मेलन में यह टिप्पणी की थी। हालांकि उन्होंने अमेरिका या दक्षिण कोरिया की सीधी आलोचना नहीं की।
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