चिकित्सा के क्षेत्र में तीन लोगों को संयुक्त रूप से मिला नोबेल पुरस्कार
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नई दिल्ली। इस बार के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरुआत सोमवार को हो गई है। चिकित्सा के क्षेत्र में इस बार तीन वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार दिया गया है। जिसमे विलियम जी केलिन, सर पीटर जे रैटक्लिफ और ग्रेग एल सेमेन्या शामिल हैं। इन तीनों वैज्ञानिकों को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया है। इन वैज्ञानिकों ने सेल्स कैसे ऑक्सीजन को जलाते हैं, इस पेंचीदा खोज को दुनिया के सामने रखा है। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में इस बात की जानकारी दी है कि सेल्स कैसे ऑक्सीजन को जलाकर शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे कि शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।
बता दें कि विलियम जी केलिन जूनियर जिनका जन्म 1957 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में हुआ था, उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी से एमडी की डिग्री प्राप्त की और जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी व बोस्टन के दाना फॉर्बर कैंसर इंस्टीट्यूट से विशेष प्रशिक्षण हासिल किया था। जबकि सर पीटर जे रैटक्लिफ जिनका जन्म 1956 में हुआ था वह भी न्यूयॉर्क के ही रहने वाले हैं। उन्होंने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से बायोलॉजी में बीए किया और फिर पेन्सिवेनिया यूनिवर्सिटी से एमडी की पढ़ाई की। बता दें कि नोबेल पुरस्कार में तकरीबन साढ़े चार करोड़ रुपए नगद और 23 कैरेट सोने से बना हुए 200 ग्राम का पदक दिया जाता है। इसके अलावा विजेताओं को एक प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है।
नोबेल पुरस्कार को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। चिकित्सा के अलावा आज भौतिकी के क्षेत्र में नई शोध करने वाले वैज्ञानिकों को भी नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। जिसकी घोषणा आज होगी। तमाम क्षेत्र में नोबल पुरस्कार देने की घोषणा 14 अक्टूबर तक चलेगी। स्वीडिश अकादमी वर्ष 2018 और 2019 के साहित्य नोबेल पुरस्कारों का भी ऐलान करेगी। बता दें कि पिछले वर्ष जिस तरह से यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए थे, उसकी वजह से साहित्य में नोबेल पुरस्कारों को स्थगित कर दिया गया था।
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