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भारत से नहीं चाहिए NSG कमांडो, श्रीलंका आतंकवाद से निपटने के लिए अकेला काफी है: महिंदा राजपक्षे

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नई दिल्‍ली। श्रीलंका के कोलंबो में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में हुए आतंकी हमलों में लगभग 300 लोगों की मौत हो चुकी है। हमले के बाद भारत की तरफ से मिली मदद पर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने शुक्रिया अदा किया है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि श्रीलंका की जमीन पर कोई विदेशी सुरक्षाबल नहीं चाहिए इसलिए भारत को NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) भेजने की कोई ज़रूरत नहीं है।

भारत से नहीं चाहिए NSG कमांडो, श्रीलंका आतंकवाद से निपटने के लिए अकेला काफी है: महिंदा राजपक्षे

सीएनएन को दिए खास इंटरव्‍यू में महिंदा राजपक्षे ने कहा कि 'भारत मददगार रहा है। लेकिन एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) के आने की आवश्यकता नहीं है। हमें विदेशी सैनिक नहीं चाहिए। हमारे अपने सुरक्षा बल काफी सक्षम हैं। हमें उन्हें और आजादी और शक्ति देने की जरूरत है।'

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पिछले साल तख्तापलट में शामिल पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने श्रीलंका सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ही ईस्टर धमाकों के जिम्मेदार हैं, जिसमें करीब 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। बता दें कि राष्ट्रपति सिरिसेना के पास ही रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय पुलिस की देखरेख की जिम्मेदारी है। ऐसा कहा जा रहा है कि रनिल विक्रमसिंघे को पिछले साल सत्ता से बेदखल करने की कोशिशें विफल होने के बाद उन्हें सुरक्षा से जुड़ी अहम बैठकों से दूर रखा जा रहा था।

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English summary
No Need for India to Send NSG Commandos, Sri Lanka Can Tackle Terror On its Own: Mahinda Rajapaksa.
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