शादी, बच्चे समेत इन 4 चीजों को त्याग रही हैं इस देश की महिलाएं, ये है वजह
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सियोल। दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं, जहां शादी की चाह नहीं रखने वाले महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों में इस वजह से आर्थिक संकट पैदा होने का खतरा भी बढ़ गया है। यहां महिलाओं के कुछ ऐसे समूह हैं, जो शादी समेत चार चीजों से परहेज करने के लिए कैंपेन चला रहे हैं।
'हैशटैग नो मैरिज विमेन'
इन चार चीजों में शादी, सेक्स, बच्चे और डेटिंग शामिल है। इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। उसे 'हैशटैग नो मैरिज विमेन' नाम दिया गया है।
क्या हो रहा है नुकसान?
महिलाओं के शादी ना करने से इन देशों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके चलते यहां कई मैरिज हॉल तक बंद हो गए हैं। सरकार युवाओं को शादी के लिए प्रोत्साहित कर रही है और पैसे तक दे रही है। यहां महिलाएं शादी को जरूरी नहीं समझती हैं।
कितने फीसदी घटा आंकड़ा?
रिपोर्ट्स के अनुसार दक्षिण कोरिया में पहले 47 फीसदी महिलाएं ही मानती थीं कि शादी जरूरी है। अब बीते साल ये आंकड़ा 22.4 फीसदी पर आ गया है। सरकार यहां शादी करने और बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है।
स्कूल भी हो रहे बंद
पहले मैरिज हॉल और अब स्कूल भी बंद हो रहे हैं। घटती जनसंख्या से यहां श्रम शक्ति कम होती जा रही है और स्कूलों में भी कमी आ रही है। राजधानी सियोल में ही 20 फीसदी से अधिक मैरिज हॉल बंद हो गए हैं। स्कूलों के बंद होने का कारण है बच्चों की घटती आबादी।
क्या कहती हैं महिलाएं?
सियोल की अधिकतर महिलाओं का कहना है कि वह अपनी खुशी खुद तय करना चाहती हैं और पुरुषों के साथ संबंध बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं रखतीं। कठोर पितृसत्तात्मक मानदंडों को खारिज करने वाली महिलाओं की संख्या यहां बढ़ती जा रही है।
जापान का भी यही हाल
कुछ ऐसा ही हाल जापान का भी है। यहां बूढ़े लोगों की आबादी तेजी से बढ़ रही है जबकि युवाओं की संख्या कम है। जिसका सीधा असर समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर पड़ रहा है। यहां की युवा आबादी की भी शादी के प्रति दिलचस्पी कम होती जा रही है, जिसके चलते बच्चों की आबादी में कमी आ रही है। इस वजह ये शादीशुदा महिलाओं पर भी दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ताकि युवाओं की संख्या में इजाफा हो सके और देश की जन्मदर बढ़े।
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