China: ऐसी है जिनपिंग सरकार, गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों को कब्र तक नसीब नहीं
बीजिंग। चीन भले ही अपने सैनिकों का दम भरता हो लेकिन जब उनकी शहादत को स्वीकारने की बात आती है तो उसका रवैया अपने दोस्त पाकिस्तान की ही तरह है। अमेरिका की एक इंटेलीजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सरकार 15 जून को गलवान घाटी में मारे गए पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों परिवार वालों पर दबाव डाल रही है कि इन जवानों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। सरकार की तरफ से परिवार वालों पर दबाव डाला जा रहा है कि किसी भी प्रकार का आयोजन न किया जाए। इस रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सरकार अपनी गलती को छिपाने की कोशिश कर रही है और इसलिए ही इस तरह की बातें परिवारवालों से कही जा रही हैं।
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अपनी गलती को छिपाने की कोशिश
अमेरिका के ब्रिटबार्ट न्यूज ने एक इंटेलीजेंस रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि चीन इस बात को मानने के लिए ही तैयार नहीं है कि गलवान घाटी में उसके सैनिक मारे गए हैं। चीन गलवान घाटी हिंसा को एक गलती मान रहा है और अब इसे छिपाने की कोशिशें कर रहा है। चीन की सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया है कि परंपरा के मुताबिक सैनिकों के शवों को दफनाने से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन न करें। परिवार वालों से कहा गया है कि इन सैनिकों का अंतिम संस्कार किसी एकांत वाले इलाके में कर देना चाहिए। इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सरकार जनता के गुस्से को नजरअंदाज कर रही है और वह नहीं चाहती है कि देश के लोगों को किसी भी तरह से इस घटना की याद रहे।
परिवार वालों के साथ बुरा बर्ताव
चीन में सैनिकों के परिवार वालों के साथ सरकार गलत बर्ताव कर रही है। अब इन सैनिकों के परिवारवाले सोशल मीडिया पर आकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। जिनपिंग के प्रशासन को इस बात का डर है कि जो सैनिक 15 जून को हुई हिंसा में मारे गए हैं, अगर उनके खिलाफ गुस्सा चीन या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ गया तो फिर मुसीबतें बढ़ सकती हैं। गलवान घाटी हिंसा के बाद जहां भारत ने तो शहीद सैनिकों की संख्या के बारे में जानकारी दी लेकिन आज तक चीन ने नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के करीब 35 सैनिक मारे गए हैं जबकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि करीब 43 सैनिक मारे गए हैं।
कितने सैनिक मारे गए इसकी भी जानकारी नहीं
चीन के सरकारी अखबार ने ग्लोबल टाइम्स ने यह बात तो स्वीकारी कि पीएलए के कुछ सैनिक इस टकराव में मारे गए हैं। लेकिन यह नहीं बताया कि संख्या कितनी है। वहीं, चीन के एक पूर्व मिलिट्री ऑफिसर की तरफ से किया गया दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जियानिल यांग जो पूर्व मिलिट्री ऑफिसर हैं, उनका दावा है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 100 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई है। जियानिल यांग चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के बेटे हैं और चीनी मिलिट्री के साथ भी रह चुके हैं। उनके दावे में कितनी सच्चाई यह कहना मुश्किल है लेकिन कुछ विशेषज्ञ उनके इस दावे को सच मान रहे हैं।
आज तक नहीं मानता सैनिकों की शहादत
चीन मामलों के जानकारों की माने तो यह देश कभी नहीं स्वीकारता है कि उसके सैनिक किसी युद्ध में मारे गए हैं।चीन ने आज तक इस बात को नहीं माना है कि 1962 में भारत के खिलाफ हुई जंग में उसके सैनिक मारे गए थे। इसके अलावा वह कोरियन वॉर में भी अपने सैनिकों की मौत को मानने से इनकार कर देता है। पूर्व सेना प्रमुख और अब बीजेपी सरकार में मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने कहा है कि अगर इंडियन आर्मी ने अपने 20 बहादुर सैनिक 15/16 जून को हुए संघर्ष में गंवाएं हैं तो चीन के डबल सैनिक उन्होंने ढेर किया है। जनरल सिंह के मुताबिक चीन के करीब 43 सैनिक मारे गए हैं। जनरल सिंह के मुताबिक चीन कभी भी अपने मारे हुए सैनिकों के बारे में कभी सार्वजनिक तौर पर नहीं स्वीकारेगा।