रॉयल यूनिवर्सिटी में बोले पीएम मोदी- एक दिन भूटान के वैज्ञानिक भी सेटेलाइट बनाएंगे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय भूटान दौरे पर हैं, आज उनकी यात्रा का दूसरा दिन है, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की रॉयल यूनिवर्सिटी के थिंपू में छात्रों को संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि भूटान के अपने छोटे उपग्रह को डिजाइन करने और लॉन्च करने के लिए युवा भूटानी वैज्ञानिक भारत की यात्रा करेंगे, मुझे उम्मीद है कि किसी दिन जल्द ही आप में से कई वैज्ञानिक, इंजीनियर और इनोवेटर्स होंगे।
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'एक दिन भूटान के वैज्ञानिक भी सेटेलाइट बनाएंगे'
मोदी ने कहा कि इस समय भारतीय विश्वविद्यालयों में 4,000 से ज्यादा भूटानी छात्र पढ़ रहे हैं, अब यह नंबर बढ़ना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भूटान को उसके 'ग्रॉस नैशनल हैपीनेस' के कॉन्सेप्ट से जानती है, उन्होंने कहा कि भूटान ने सामंजस्य, एकजुटता और करुणा की भावना को समझा है, पीएम ने कहा कि विकास और पर्यावरण भूटान में रुकावट नहीं हैं।
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'भूटान और भारत का संबंध ऐतिहासिक है'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि भूटान के वैज्ञानिक भी सेटेलाइट बनाएंगे, हमने दक्षिण एशिया उपग्रह के थिंपू ग्राउंड स्टेशन का उद्घाटन किया और अपने अंतरिक्ष सहयोग का विस्तार किया, उपग्रहों के जरिए टेली मेडिसिन के लाभ, दूरस्थ शिक्षा, मानचित्रण, मौसम पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी आदि सुनिश्चित होगी।
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'130 करोड़ भारतीयों के दिलों में भूटान एक विशेष स्थान रखता है'
आपको बता दें कि शनिवार को दोनों के देशों के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया था, जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 130 करोड़ भारतीयों के दिलों में भूटान एक विशेष स्थान रखता है। मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान, प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पहली यात्रा के लिए भूटान का चुनाव स्वाभाविक था। इस बार भी, अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही भूटान आकर मैं बहुत खुश हूं। इस दौरान भारत और भूटान के बीच पांच एमओयू पर साइन हुए हैं।
भारत और भूटान के संबंध दोनों देशों के लोगों की प्रगति पर आधारित
पीएम ने कहा था कि भारत और भूटान के संबंध दोनों देशों के लोगों की प्रगति, सम्पन्नता और सुरक्षा के साझा हितों पर आधारित है। भारत और भूटान के संबंध दोनों देशों के लोगों की प्रगति, सम्पन्नता और सुरक्षा के साझा हितों पर आधारित है। भूटान की पंचवर्षीय योजनाओं में भारत का सहयोग आपकी इच्छाओं और प्राथमिकताओं के आधार पर आगे भी जारी रहेगा।
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