पाकिस्तान को हराकर भारत जीता 72 साल पुराना निजाम फंड केस, मिले करोड़ों रुपये
लंदन। भारत ने करीब 72 साल पुराना निजाम फंड केस जीतकर पाकिस्तान को मात दे दी है। ब्रिटेन स्थित भारतीय दूतावास को लाखों पाउंड मिल गए हैं। वहीं पाकिस्तान केस तो हार ही गया है, साथ ही भारत को केस लड़ने में खर्च हुई 65 फीसदी रकम (26 करोड़ रुपये) भी उसने चुका दी है। हैदराबाद के निजाम का ये पैसा ब्रिटेन के नेशनल वेस्टमिन्स्टर बैंक में 20 सितंबर, 1948 से फंसा हुआ था। जिसपर पाकिस्तान भी अपना दावा करता था। रकम के तौर पर 32 मिलियन पाउंड (325 करोड़ रुपये) भारत को मिले हैं।
पैसा कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था
बीते साल हाईकोर्ट ने भारत और निजाम के वारिसों के हक में फैसला सुनाया था। ये केस पाकिस्तान के साथ लंदन कोर्ट ने छह साल तक लड़ा गया। बैंक ने पैसा कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। हालांकि केस लड़ने में खर्च होने वाली रकम के तौर पर पाकिस्तान को 26 करोड़ रुपये के अलावा जो पैसे देने हैं, उसपर अभी बातचीत चल रही है।
पाकिस्तान ने 26 करोड़ रुपये दे दिए हैं
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक खबर यही आई है कि पाकिस्तान ने 26 करोड़ रुपये दे दिए हैं। हैदराबाद निजाम के वारिस की ओर से जिन वकीलों ने केस लड़ा, उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि उनके क्लाइंट को अपने हिस्से की रकम मिल गई है। ये रकम हैदराबाद के भारत में शामिल किए जाने से पहले ब्रिटेन में पाकिस्तानी हाई कमिश्नर के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी और उस समय से वो वहीं जमा थी जबकि उसके संबंध में मुकदमे चल रहे थे।
ऐसे भारत में शामिल हुआ था हैदराबाद
दरअसल जब देश का बंटवारा हुआ, उस वक्त तीन रियासतों हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ का भविष्य स्पष्ट नहीं हो पाया था। जहां भारत चाहता था कि रियासत उसके साथ शामिल हो जाएं, वहीं पाकिस्तान चाहता था कि रियासतें उसे मिल जाएं। वहीं हैदराबाद को भारत में शामिल करने वाले नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हैदराबाद को 'भारत के दिल का नासूर' कहा और इसके ऑपरेशन को जरूरी बताते हुए कार्रवाई कराई। वो हैदराबाद को भारत का अंग बनाने में कामियाब रहे।
विभिन्न सभ्यताओं का संगम था यहां
अब बात करते हैं, हैदाराबाद रियासत की। उस जमाने में हैदराबाद भारत की सबसे खुशहाल रियासत मानी जाती थी। ऐसा कहा जाता था कि इसके खजाने भरे रहते थे। इसके साथ ही यहां विभिन्न सभ्यताओं का संगम था। यहां रहने वाले लोग कई तरह की भाषाएं बोला करते थे। एक बड़ा हिस्सा जहां तेलुगू बोलता था तो दूसरा कन्नड़ बोलता था। वहीं यहां मराठी बोलने वाले लोग भी थे। इसके अलावा यहां उर्दू जबान भी बोली जाती थी।
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति
उस वक्त उस्मान अली खान निजाम हैदराबाद के नाम से मशहूर थे। जिन्हें दुनिया का सबसे अमीर आदमी कहा जाता था। उनकी दौलत का अनुमान करीब 250 अरब अमेरिकी डॉलर लगाया जाता है। उनके पास ना केवल सोने और चांदी के भंडार थे। बल्कि 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की कीमत का एक 185 कैरट का जैकब हीरा भी था। हैरानी की बात ये है कि इस हीरे का इस्तेमाल वो पेपर वेट (कागज को दबाने वाली चीज) के तौर पर करते थे।
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