Christchurch shooting: जानिए 15 मार्च 2019 को कैसे दहल गया था एक शांत देश न्यूजीलैंड
क्राइस्टचर्च। न्यूजीलैंड में पिछले वर्ष मस्जिद पर हमला कर 51 लोगों की जान लेने वाले हमलावर को गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हमलावर ब्रेंटन टरैंट को जज कैमरुन मैंडन ने सजा सुनाई। उन्होंने सजा सुनाते हुए ब्रेंटन को 'दुष्ट' और 'अमानवीय' करार दिया। मार्च 2019 में हुई इस घटना ने शांत न्यूजीलैंड को सदमे में डाल दिया था। इस हमले में दो मस्जिदों अल नूर और लिनवुड पर गोलियां बरसाई गई थीं। नमाज अता करने और प्रार्थना करने आए लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसने लगीं और देखते ही देखते प्रार्थना का माहौल जिंदगी के लिए दुआ मांगने वाले माहौल में तब्दील हो गया।
यह भी पढ़ें- क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हमला करने वाले शख्स को उम्रकैद
अचानक हुई गोलीबारी
15 मार्च को लोग शुक्रवार की प्रार्थना के लिए मस्जिद पहुंचे थे। दोपहर करीब 1:40 मिनट पर अल नूर मस्जिद पर अचानक गोलीबारी शुरू गई। लोग संभल पाते उससे पहले ही पास में लिनवुड मस्जिद में 1:52 मिनट पर गोलियां बरसने लगीं। इस हमले में 51 लोगों की मौत हो गई थी तो वहीं 40 लोग जख्मी हो गए थे। प्रधानमंत्री जेसिंदा आरड्रेन ने घटना को आतंकी घटना करार दिया। उन्होंने कहा था कि इस मामले की जांच आतंकवाद के मामलों के तहत ही की जाएगी। कीवी देश न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च को उस समय निशाना बनाया गया जब वहां पर सबसे ज्यादा भीड़ थी। हमले के समय अल-नूर मस्जिद में 190 लोग मौजूद थे। वहीं लिनवुड मस्जिद में 100 लोग मौजूद थे।
17 मिनट तक हुई लाइव स्ट्रीमिंग
इस हमले के लिए दो सेमी-ऑटोमैटिक राइफल्स, दो शॉटगन्स और एक लिवर एक्शन राइफल का प्रयोग किया गया था। पीएम आरड्रेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस हमले को अंजाम देने वाले लोगों के लिए देश में कोई जगह नहीं है। हमलावर ब्रेंटन ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला है। पीएम आरड्रेन ने उस समय हमलावर का नाम लेने से भी इनकार कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शूटर को चरमपंथी, राइट विंगर और एक आतंकी करार दिया। कीवी पीएम आरड्रेन ने कहा कि यह एक आतंकी हमला है और एक योजना के तहत इसे अंजाम दिया गया है। हमले से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो फुटेज को शेयर किया गया। इसके अलावा करीब 17 मिनट तक हमले की लाइव स्ट्रीमिंग गो प्रो पर हो रही थी।
बांग्लादेश क्रिकेट टीम थी निशाने पर
हमलावर ने न सिर्फ अपनी कार में रखे हथियार को दिखाया बल्कि वह एक-एक करके लोगों को जान से मार रहा था, यह भी साफ नजर आ रहा था। कहा जा रहा है कि हमला बांग्लादेश क्रिकेट टीम को निशाना बनाकर किया गया जो मस्जिद में नमाज के लिए आई थी। पीएम आरड्रेन ने कहा कि हमले के लिए न्यूजीलैंड को चुना गया क्योंकि यह देश आज भी विभिन्नता, उदारता और प्रेम जैसे आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है। हमले के बाद मीडिया से बात करते हुए जेसिंदा ने कहा, 'न्यूजीलैंड उन लोगों का घर है जो इन आदर्शों को साझा करत हैं और जब कभी भी इनकी जरूरत लोगों को पड़ेगी, न्यूजीलैंड में उन्हें जगह मिलती रहेगी।'
28 वर्ष की उम्र में इतना बड़ा हमला
पीएम के मुताबिक हमला उनके आदर्शों को हिला नहीं सकता है। आतंकी हमले में शामिल एक व्यक्ति की पहचान ऑस्ट्रेलियाई मूल के ब्रेनटॉन टारैंट के तौर पर हुई है और उसकी उम्र 28 वर्ष बताई जा रही है। ब्रेनटॉन ने 73 पेज का एक मैनिफेस्टो भी ऑनलाइन पोस्ट किया है। इसमें उसने खुद को व्हाइट सुपरमासिस्ट करार दिया है। मिलिट्री यूनिफॉर्म पहने हुए हमलावर हमलावर ने मिलिट्री यूनिफॉर्म पहनी हुई थी। इस घटना से पहले न्यूजीलैंड में सन् 1997 में राउरिमू नरसंहार हुआ था और गोलीबारी की घटना में 37 लोग मारे गए थे। इससे पहले 1990 में अरमोआना नरसहंार हुआ था जिसमेा 13 लोगों की मौत हो गई थी।