रिपोर्ट: न्यूजीलैंड की मस्जिदों में हमला करने वाले शूटर ने अटैक से पहले की थी भारत की यात्रा
क्राइस्टचर्च। पिछले साल न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हुए शूटआउट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस हमले को अंजाम देने वाला ऑस्ट्रेलियाई मूल का शूटर ब्रेंटन टैरेंट ने अटैक से पहले भारत समेत दुनिया के कई दोनों की यात्राएं की थी। उसने भारत में करीब तीन महीने गुजारे थे। बता दें कि पिछले साल 15 मार्च को ब्रेंटन टैरेंट द्वारा दो मस्जिदों में की गई गोलीबारी में 51 मुस्लिमों की जान चली गई थी और दर्जन लोग घायल हुए थे।
पिता के पैसों से की थी विदेश यात्राएं
इस भयावह गोलीबारी को लेकर जारी की गई एक विस्तृत रिपोर्ट में कई खुलासा हुए हैं। 'रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी' की 792 पेज की रिपोर्ट में बताया गया है कि 30 वर्षीय हमलावर ने स्कूल छोड़ने के बाद एक स्थानीय जिम में 2012 तक पर्सनल ट्रेनर के तौर पर काम किया था। 2012 में चोट लगने के बाद उसने जिम की नौकरी छोड़ दी। रिपोर्ट में लिखा है कि, उसने वेतनभोगी कर्मचारी के तौर पर उसके बाद कभी काम नहीं किया। वह अपने पिता से मिले वाले पैसों से गुजारा कर रहा था। यही नहीं अपने पिता से प्राप्त पैसों से उसने कई देशों की यात्रा की।
तीन महीने तक रहा भारत में
ब्रेंटन टैरेंट ने पहली बार 2013 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में कई यात्राएं की। इसके बाद 2014 से 2017 तक उसने दुनियाभर के देशों की यात्रा की। टैरंट ने 15 अप्रैल 2014 से 17 अगस्त 2017 के बीच अकेले कई यात्राएं की। इस दौरान वह एक समूह के साथ उत्तर कोरिया भी गया था। इन यात्राओं के दौरान वह सबसे लंबे समय तक भारत में रहा। जहां वह 21 नवंबर 2015 से 18 फरवरी 2016 तक रहा। वह एक महीने या उससे अधिक समय तक चीन, जापान, रूस, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में रहा।
किसी चरमपंथी समुदाय से मुकालात के नहीं मिले सबूत
जांच रिपोर्ट में इस बात का विवरण नहीं दिया गया था कि भारत में लगभग तीन महीने के प्रवास के दौरान उसने क्या किया। ‘द न्यूजीलैंड हेराल्ड' अखबार की खबर के अनुसार इसके साक्ष्य नहीं मिले हैं कि विदेश में घूमते हुए टैरंट किसी चरमपंथी समूह के संपर्क में आया या उसने हमला करने का कोई प्रशिक्षण लिया। जांच रिपोर्ट के अनुसार यह नहीं माना जा सकता कि टैरंट द्वारा की गई यात्राओं से उसे हमला करने की प्रेरणा मिली। रिपोर्ट में कहा गया कि उसके पास करने के लिए कोई काम नहीं था। इसलिए उसने यात्राएं की। रिपोर्ट को तैयार करने में लगभग अठारह महीने लगे हैं।
इंटरनेट पर कट्टरपंथी सामग्री और ऐसी विचारधारा वाले चैनल देखता था
रिपोर्ट में लिखा है कि, 74-पृष्ठ के घोषणापत्र में हमलावर ने ऑनलाइन पोस्ट किया था। उसने खुद को एक श्वेत वर्चस्ववादी के रूप में वर्णित किया था। जो यूरोप में मुस्लिमों द्वारा किए गए हमलों का बदला लेने की तैयारी कर रहा था। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि टैरंट इंटरनेट पर कट्टरपंथी सामग्री और ऐसी विचारधारा वाले यूट्यूब चैनल देखा करता था। रिपोर्ट के अनुसार उसने प्रवास और ईसाइयत तथा इस्लाम के बीच ऐतिहासिक लड़ाई का गहन अध्ययन किया था। कोर्ट ने आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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