न्यूयॉर्क हमले के आरोपी ने मौत की सजा से बचने के लिए कोर्ट में ट्रंप का लाया बीच में
न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क हमले का आरोपी सेफूल्लो साइपोव को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद उसके वकीलों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के उस बयान को जिक्र कर उचित कानूनी प्रक्रिया को असंभव बनाने पर सवाल खड़े किए हैं। उज्बेकिस्तान मूल का नागरिक साइपोव ने पिछले साल अक्टूबर में ट्रक से कूचलकर 8 लोगों को मार दिया था। अमेरिका के मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में दायर एक प्रस्ताव में साइपोव के वकीलों ने कहा कि अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस को यह जरूर तय करना चाहिए कि उन्हें मृत्युदंड का निर्णय लेना है या नहीं। उन्होंने कहा कि कोर्ट ट्रंप के राजनीतिक विचार या उनके दबाव में कोर्ट कोई निर्णय नहीं ले सकता है।
न्यूयॉर्क के मेनहेट्टन में एक साइकिल पथ पर साइपोव ने ट्रक चढ़ाते हुए कई लोगों को कुचल दिया था, जिसमें 8 की मौत हुई थी। इस घटना के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'आरोपी को मौत की सजा होनी चाहिए।' सुनवाई के दौरान साइपोव के वकीलों ने ट्रंप के उस ट्वीट का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने मौत की सजा की बात कही थी।
न्यूयॉर्क हमले के आरोपी के दो वकीलों ने कहा कि ट्रंप के बयान ने कोर्ट पर दबाव डालने और उचित न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने का काम किया है। वकीलों ने कहा कि इस केस में उचित न्याय मिलने की संभावना नहीं है।
अमेरिकी अटॉर्नी जेफ्री बर्मन के प्रवक्ता, जिनके देखरेख में साइपोव का मुकदमा चल रहा है, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि जांच में साइपोव ने कहा था कि वह आईएसआईएस के वीडियो देखकर प्रेरित हुआ था और एक साल पहले ही वह अटैक की योजना बना चुका था। इस साल जब जून में सुनवाई के दौरान साइपोव ने कहा था कि वह चाहता है कि धरती शरिया कानून स्थापित हो।
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