नेस्ले ने किटकैट और मिल्की बार के लिए बेच दिया ये चॉकलेट
ऑस्ट्रेलिया की सबसे लोकप्रिय चॉकलेट में से एक वायलेट क्रम्बल अब ऑस्ट्रेलिया में ही बनेगी.
ऑस्ट्रेलिया की सबसे लोकप्रिय चॉकलेट में से एक वायलेट क्रम्बल अब ऑस्ट्रेलिया में ही बनेगी.
कैडबरी की मशहूर चॉकलेट क्रंची से मिलती-जुलती वायलेट क्रम्बल को अब तक स्विटज़रलैंड की कंपनी नेस्ले बनाती थी लेकिन नेस्ले ने अब इसे ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी को बेच दिया है.
हालांकि यह साफ़ नहीं हो पाया है कि एडीलेड के चॉकलेट कंपनी मालिक रॉबर्न मेन्ज़ ने इसके लिए कितने पैसे दिए हैं.
वायलेट क्रम्बल के बीच में भी क्रंची की तरह कैरेमल भरा है लेकिन यह क्रंची से पुरानी है.
क्रंची 1929 में बनी जबकि वायलेट क्रम्बल 1913 में बाज़ार में आई.
1983 तक इसे दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में ही बनाया जाता था, उसके बाद नेस्ले ऑस्ट्रेलिया ने यह काम संभाल लिया.
हमेशा लोकप्रिय रही वायलेट क्रम्बल
जैसे ही ख़बर आई कि नेस्ले ने वायलेट क्रम्बल बेच दी, ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय मीडिया ने इसके पुराने विज्ञापनों को दोबारा दिखाना शुरू कर दिया.
ऐसा ही एक विज्ञापन 1990 में आया था जिसमें उस समय के मशहूर एक्टर शेन कोनोर को एक कैंप में वायलेट क्रम्बल खाते दिखाया गया था. एक मगरमच्छ शेन की तरफ़ बढ़ता है लेकिन उनका वफ़ादार कुत्ता उसे शेन तक पहुंचने से पहले ही रस्सी में जकड़ देता है. इसी के साथ पीछे से आवाज़ आती है "द ग्रेट ऑस्ट्रेलियन बाइट."
वायलेट क्रम्बल के विज्ञापनों की बाक़ी टैगलाइन भी लोकप्रिय रही हैं जैसे "इट इज़ द शैटर दैट मैटर्स" और "क्रैक ए क्रम्बल."
इस सौदे में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने भी ग्रांट और कर्ज़ के रूप में आठ करोड़ इक्कीस लाख रूपये दिए हैं. माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी के इसे बनाने से 30 से ज़्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा.
नेस्ले ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक़ उन्होंने वायलेट क्रम्बल को बेचने का फ़ैसला इसलिए लिया क्योंकि वे अब अपने दूसरे ब्रांड किटकैट और मिल्की बार पर ध्यान देना चाहते है.