नर्व एजेंट हमला: ब्रिटेन के साथ खुलकर सामने आए अमरीका, फ़्रांस, कनाडा और जर्मनी
कैरेन ने कहा, "हम जो करना चाहते हैं, लोग उसका समर्थन कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि रूस किस तरह उस अंतरराष्ट्रीय तंत्र के ख़िलाफ़ काम कर रहा है. वही तंत्र जो साल 1945 से हमारी सुरक्षा कर रहा है. लेकिन हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रूस को ऐसा करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं."
ब्रिटेन का अगला कदम क्या होगा, इस बारे में कैरेन ने कहा, "ये ज़ाहिर है
ब्रिटेन में पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया स्क्रिपल पर ज़हरीले नर्व एजेंट नोविचोक से हमले के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस सम्बन्ध में हुई एक बैठक में दोनों पक्षों की ओर से तीखी बयानबाज़ी हुई है.
इस बैठक में ब्रिटेन के जांचकर्ताओं ने परिषद को पूरी जानकारी दी. ब्रिटेन का स्पष्ट आरोप है कि सर्गेई और यूलिया पर रूसी सेना के ख़ुफ़िया अधिकारियों ने हमला करवाया है.
अमरीका, फ़्रांस, जर्मनी और कनाडा ने भी रूस के ख़िलाफ़ ब्रिटेन के आरोपों का समर्थन किया है.
चारों देशों के शीर्ष नेताओं ने मिलकर एक संयुक्त बयान जारी किया.
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे, जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से जारी किए गए इस बयान में कहा गया-
"हम फ़्रांस, जर्मनी, अमरीका, कनाडा और ब्रिटेन के नेता सैलिस्बरी में 4 मार्च को नोविचोक नाम के रासायनिक नर्व एजेंट के इस्तेमाल पर अपनी नाराज़गी और विरोध दुहरा रहे हैं."
साझा बयान में इन देशों ने रूस से उसके नोविचोक कार्यक्रम का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग भी की है.
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की राजदूत कैरेन पियर्स ने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के ख़िलाफ़ जाकर चीज़ों को अंजाम दे रहा है.
उन्होंने दूसरे देशों से ब्रिटेन को मिलने वाले समर्थन पर ख़ुशी भी जताई.
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कैरेन ने कहा, "हम जो करना चाहते हैं, लोग उसका समर्थन कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि रूस किस तरह उस अंतरराष्ट्रीय तंत्र के ख़िलाफ़ काम कर रहा है. वही तंत्र जो साल 1945 से हमारी सुरक्षा कर रहा है. लेकिन हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रूस को ऐसा करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं."
ब्रिटेन का अगला कदम क्या होगा, इस बारे में कैरेन ने कहा, "ये ज़ाहिर है कि हमें अंतरराष्ट्रीय तंत्र को और मज़बूत बनाने की ज़रूरत है. ऐसा अंतरराष्ट्रीय तंत्र जो सुनिश्चित करे कि रासायनिक हथियारों पर पाबंदी का मतलब पाबंदी ही होता है."
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे ने बुधवार को सांसदों से कहा था कि दो रूसी संदिग्ध ऐलेक्जेंडर पेट्रोव और रुस्लान बशिरोव नाम से पासपोर्ट बनवाकर ब्रिटेन में घुसे थे.
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टेरीज़ा ने कहा कि नर्व एजेंट से हुआ हमला 'कोई अपरिपक्व हमला' नहीं था बल्कि इसे रूसी सरकार के बड़े स्तर पर 'लगभग मंज़ूरी' मिली हुई थी.
संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि अमरीका रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की स्पष्ट आलोचना करता है फिर चाहे वो ब्रिटेन के सैलिस्बरी मे हो या दुनिया के किसी और कोने में.
उन्होंने कहा, "हम इन भयंकर हथियारों के ख़िलाफ़ बने अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और ब्रिटेन के लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं.
दूसरी तरफ़ रूस ने इन सारे आरोपों को अस्वीकार्य बताते हुए ख़ारिज किया है. रूस ने ब्रिटेन बिना किसी सबूत के उस पर आरोप लगाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि वो रूस के ख़िलाफ़ घृणित दुर्भावना से ग्रस्त है.
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इस साल 4 मार्च को दक्षिणी ब्रिटेन के सैलिस्बरी सिटी सेंटर में 66 साल के पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी 33 साल की बेटी यूलिया स्क्रिपल एक बेंच पर बेहोशी की हालत में मिले थे.
बाद में दोनों पर ज़हरीले नर्व एजेंट से हमला होने की बात सामने आई थी. दोनों की स्थिति काफ़ी नाजुक थी लेकिन लंबे वक़्त तक अस्पताल में रहने के बाद वो बाहर आ गए थे.
ब्रिटेन की सरकार ने कहा था कि इस हमले में रूस में बने नर्व एजेंट नोविचोक का इस्तेमाल किया गया है.
इस घटना ने ब्रिटेन और रूस के संबंधों को भी तल्ख़ कर दिया था. इस हमले का आरोप रूस पर लगाते हुए पहले ब्रिटेन ने और फिर उसके समर्थन में 20 से ज़्यादा देशों ने अपने यहां से रूसी राजनयिकों को निकाल दिया था.
अमरीका ने भी अपने यहां से 60 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा था और सिएटल का रूसी दूतावास बंद कर दिया था.
इसके बाद जुलाई में ब्रिटेन के एक दंपति पर भी उसी नर्व एजेंट से हमले की घटना सामने आई थी जिससे यूलिया और उनके पिता पर हमला किया गया था.
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