चीन के रास्ते चल रहा नेपाल, सेना को दिया भारतीय सीमा के पास बन रही सड़क का जिम्मा
नई दिल्ली: पाकिस्तान की तरह नेपाल पर भी चीन अपना पूरा कंट्रोल चाहता है। जिस वजह से अब नेपाल सरकार उसके इशारे पर भारत के खिलाफ काम कर रही है। चीनी सीमा तक नेपाल की पहुंच आसान हो, इसके लिए नेपाल सरकार ने महाकाली कॉरिडोर का काम तेज कर दिया है। प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए नेपाल ने अपनी सेना को भी लगा दिया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से भारतीय सीमा तक भी नेपाल की पहुंच आसान हो जाएगी।
भारतीय सड़कों पर निर्भरता होगी खत्म
एक रिपोर्ट के मुताबिक कई नेपाली नागरिक अपने गांवों तक पहुंचने के लिए सीमा पार करके भारतीय सड़कों का इस्तेमाल करते हैं। भविष्य में भारतीय सड़कों पर निर्भरता खत्म करने के लिए नेपाल ने धारचूला-तिनकर रोड (महाकाली कॉरिडोर) का निर्माण कार्य तेज कर दिया है। ये रोड उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से लगती सीमा से होकर गुजरेगी। काम में तेजी लाने के लिए नेपाल सरकार ने सेना को भी इस प्रोजेक्ट में उतार दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये प्रोजेक्ट 134 किलोमीटर लंबा है, लेकिन अभी तक सिर्फ 43 किलोमीटर की सड़क ही इसमें बन पाई है।
चीन के रास्ते पर नेपाल
चीन के रास्ते पर अब नेपाल भी चल रहा है। जिस तरह चीन ने भारतीय सीमा तक अपनी पहुंच बनाने के लिए सड़कों का जाल बिछाया है, उसी तरह नेपाल भी भारतीय सीमा तक सड़कों का जाल बिछा रहा है। सीमा विवाद के बीच हाल ही में नेपाल ने कॉरिडोर के पास कई इलाकों में कई आउटपोस्ट भी बनाए हैं। इस सड़क के बन जाने के बाद नेपाली सुरक्षाबलों की पेट्रोलिंग इलाके में आसान हो जाएगी। इसके अलावा चीन सीमा तक भी नेपाली सेना जल्दी पहुंच सकेगी।
वॉचटॉवर और हेलीपैड की तैयार
हाल ही में नेपाल ने अपनी संसद में विवादित नक्शे को पास करवाया था। इसके बाद उसने बिहार के रक्सौल में पनटोका बॉर्डर पर एक वॉचटॉवर और बॉर्डर आउटपोस्ट तैयार कर ली। नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स की तरफ से हुए इस निर्माण कार्य के बाद सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 47वीं बटालियन ने जांच शुरू कर दी है और पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। एसएसबी की टीम ने जमीन को मापना भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा धारचूला के पास घटियाबागर में नेपाल ने एक हेलीकॉप्टर पैड भी बनाया है।
लद्दाख में तनाव की वजह से क्या चीन गंवा सकता है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कुर्सी!