क्या 2015 में आए भूकंप से घट गई है माउंट एवरेस्ट की हाइट? कल नेपाल करेगा संशोधित ऊंचाई का ऐलान
नई दिल्ली। हर पर्वतारोही का सपना होता है कि वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वालों की सूची में शामिल हो जाए। लेकिन अब एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। नेपाल में साल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप ने देश को काफी नुकसान पहुंचाया था। इस प्राकृतिक आपदा के बाद दावे किए जाने लगे थे कि भूकंप ने एवरेस्ट की ऊंचाई को भी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता कल यानी मंगलवार को लग जाएगा।
नेपाल में आए भूकंप से एवरेस्ट की ऊंचाई आया बदलाव?
दरअसल, नेपाल मंगलवार को माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई की घोषणा करने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के सर्वेक्षण विभाग ने कई मीडिया संस्थानों को निमंत्रण भेजा है, जिसमें दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई की घोषणा की जाएगी। बताया जा रहा है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई का सही माप लेने के लिए नेपाल के सर्वेक्षण विभाग की टीम पिछले एक साल से डेटा कलेक्ट कर रही है। सर्वेक्षण विभाग के उप महानिदेशक सुशील नरसिंह राजभंडारी ने इस बात की जानकारी दी है।
नेपाल सरकार ने रखा पर्वत की सही ऊंचाई जानने का लक्ष्य
नरसिंह राजभंडारी ने बताया कि मंगलवार को हमें माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई का पता चल जाएगा। इस दौरान उन लोगों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने इस प्रक्रिया में अपना सहयोग दिया है। बता दें कि साल 2015 में आए भूकंप के बाद से नेपाल सरकार ने माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई को मापने का लक्ष्य रखा था। नेपाल सरकार के मुताबिक विनाशकारी भूंकप सहित कई कारणों के चलते एवरेस्ट की ऊंचाई में अंतर आ सकता है। इसलिए पर्वत की सही ऊंचाई का पता लगाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की गई थी।
भारत और चीन के मुताबिक इतनी है एवरेस्ट की ऊंचाई
एक स्थानीय समाचार पत्र ने बताया कि सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा 1954 में की गई माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है। वहीं, जब 1975 में चीनी सर्वेक्षकों ने पर्वत की ऊंचाई मापी थी तो वह समुद्र तल से 8,848.13 मीटर ऊपर बतायी थी। आपको बता दें कि दुनिया की सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट को नेपाल में सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है। 2015 में नेपाल में आए भूकंप से हजारों लोगों की जान चली गई थी, इस आपदा में नेपाल को काफी नुकसान पहुंचा था।
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