नेपाल PM ओली को सुप्रीम कोर्ट से झटका, संसद भंग किए जाने पर भेजा कारण बताओ नोटिस
काठमाण्डू। Nepal Supreme Court: नेपाल की सियासत में चल रहा घमासान अब संसद से निकलकर सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई हुई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल सरकार को संसद भंग करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने 20 दिसम्बर को कैबिनेट की बैठक बुलाकर संसद को भंग करने का प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेज दिया था। इस प्रस्ताव पर उसी दिन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने हस्ताक्षर कर संसद को भंग करने का आदेश जारी कर दिया था। इसके साथ ही देश में 30 अप्रैल और 10 मई को दो चरणों में मध्यावधि चुनाव कराए जाने की घोषणा भी कर दी गई थी।
संवैधानिक
रूप
से
गलत
प्रधानमंत्री
ओली
के
इस
कदम
को
संवैधानिक
रूप
से
गलत
बताते
हुए
सुप्रीम
कोर्ट
में
कई
याचिकाएं
डाली
गईं।
इनमें
कहा
गया
जब
तक
संसद
में
सरकार
बनाने
की
संभावना
खत्म
न
हो
जाए
तब
तक
उसे
भंग
करने
का
संविधान
में
कोई
प्रावधान
नहीं
है।
ओली
ने
ऐसा
करके
संविधान
के
विरुद्ध
कार्य
किया
है।
इसके
बाद
नेपाल
के
सुप्रीम
कोर्ट
के
मुख्य
न्यायाधीश
चोलेंद्र
शमशेर
राणा
ने
ने
इस
मामले
पर
आई
13
याचिकाओं
को
स्वीकार
करते
हुए
संवैधानिक
पीठ
के
पास
भेज
दिया।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के बाद पीठ ने नेपाल की सरकार को संसद भंग करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसमें सरकार से संसद भंग करने के फैसले पर लिखित जवाब पेश करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को की जाएगी।
राष्ट्रपति
कार्यालय
से
भी
जवाब
इसके
साथ
ही
संवैधानिक
पीठ
ने
राष्ट्रपति
कार्यालय
से
भी
स्पष्टीकरण
मांगा
है।
पीठ
ने
संसद
को
भंग
करने
के
लिए
सरकार
की
सिफारिश
की
मूल
प्रति
कोर्ट
में
जमा
करने
को
कहा
है।
राष्ट्रपति
कार्यालय
से
भी
इस
सिफारिश
को
प्रमाणित
करने
के
निर्णय
की
प्रति
प्रस्तुत
करने
को
कहा
गया
है।
ओली
को
पार्टी
में
झटका
नेपाल
के
प्रधानमंत्री
के
इस
कदम
का
उनकी
ही
पार्टी
में
विरोध
शुरू
हो
गया
है।
पार्टी
के
दूसरे
नेता
पुष्प
कमल
दहल
प्रचंड
और
माधव
कुमार
नेपाल
वाले
धड़े
ने
उन्हें
पार्टी
के
अध्यक्ष
पद
से
हटाने
के
साथ
ही
संसदीय
दल
के
नेता
से
भी
हटा
दिया
था।
ओली
की
जगह
प्रचंड
को
पार्टी
के
संसदीय
दल
का
नेता
चुना
गया।
नेपाल में सियासी घमासान, ओली को हटाकर प्रचंड बने सत्ताधारी पार्टी के संसदीय दल के नेता