नेपाल ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ पर जताया दावा, नए पाठ्यक्रम में बच्चे पढ़ेंगे बॉर्डर के बारे में
काठमांडू। मई माह से भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में तनाव बना हुआ है। इसके बीच ही नेपाल ने फिर से एक ऐसी हरकत की है जिससे भारत का गुस्सा बढ़ सकता है। नेपाल ने अपने स्कूलों के नए पाठ्यक्रम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले को अपना हिस्सा बताया दिया है। पाठ्यक्रम के अलावा नेपाल ने अपनी मुद्रा में भी बदलाव किए हैं और उसने उत्तराखंड के कई हिस्सों पर दावा जताया है।
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नए सिक्कों पर भी होगा नया नक्शा
नेपाल के शिक्षा मंत्री गिरीराज मनी पोखराएल ने इस बात की पुष्टि की है कि नेपाल में आई किताब, 'नेपालको भुभाग रा सीमासंबंधी स्वाध्याय समागिरी' को हायर सेकेंड्री के छात्रों के लिए लॉन्च किया गया है। पिछले दिनों लॉन्च हुई इस किताब का प्रस्तावना खुद शिक्षा मंत्री ने लिखा है। इस किताब में ही उत्तराखंड के कालापानी जो कि विवादित हिस्सा है, उसे नेपाल की सीमा में दिखाया गया है। सूत्रों की मानें तो नेपाल में भौगोलिक इलाका 1,47,641.28 स्क्वॉयर किलोमीटर बताया गया है जिसमें 460 स्क्वॉयर किलोमीटर कालापाना का हिस्सा है। इसी दिन नेपाल की कैबिनेट जिसके मुखिया प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हैं, उन्होंने देश के सेंट्रल बैंक, नेपाल राष्ट्र बैंक को अनुमति दी है कि वह एक और दो रुपए के नए सिक्के जारी करें। इन सिक्कों पर नेपाल का नया राजनीतिक नक्शा होगा।
एक साल से भड़का है नेपाल
सूत्रों ने बताया है कि नेपाल सरकार के प्रवक्ता और विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली की तरफ से इन नए कदमों के बारे में ऐलान किया गया है। नए सिक्कों का चलन दशहरे से शुरू हो जाएगा। नेपाल में दशहरा हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। पिछले वर्ष नवंबर में भारत की तरफ से नया राजनीतिक नक्शा जारी किया गया था। इस नक्शे में भारत ने कालापानी को उत्तराखंड में दिखाया था। इस नक्शे का नेपाल की तरफ से विरोध किया गया था। इसके बाद इस वर्ष मई में जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरागढ़ में लिपुलेख रोड का उद्घाटन किया तो उसके बाद से ही नेपाल भड़क गया। नेपाल की संसद ने नया नक्शा पास किया जिसमें लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपने हिस्से में दिखाया। इसके बाद नेपाल की सरकार ने कहा कि इस नए नक्शे का प्रयोग नेपाल के हर डॉक्यूमेंट में होगा।