नेपाल ने किया माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई का खुलासा, जानिए भूकंप के बाद बढ़ी या कम हुई पर्वत की हाइट
नई दिल्ली। नेपाल में 2015 में आए विनाशकारी भूकंप ने देश को जान माल काफी नुकसान पहुंचाया था। भूकंप इतना प्रलयंकारी था कि नेपाल की कई मशहूर इमारतें भर भराकर गिर गईं, इस हादसे में हजारों लोगों ने अपनी जानें गंवाई थी। इस बीच ऐसी भी रिपोर्ट आने लगी थी कि नेपाल में आए भूकंप से विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि मंगलवार को नेपाल सरकार ने माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई का ऐलान कर अफवाहों पर विराम लगा दिया है। देश के सर्वे विभाग द्वारा 8 दिसंबर को किए गए ऐलान के मुताबिक भूकंप से माउंट एवरेस्ट की हाइट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
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नेपाल ने बताया- क्या है माउंट एवरेस्ट की वर्तमान ऊंचाई
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने मंगलवार को बताया कि दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट की मापी गई नई ऊंचाई 8848.86 मीटर है। बता दें कि नेपाल का सर्वेक्षण विभाग विभार पिछले एक वर्ष से माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई को मापने का काम कर रहा है। एक साल की कड़ी मेहनत के बाद नेपाल ने दुनिया के सामने पर्वत की सही हाइट का ऐलान किया है। सर्वेक्षण विभाग के उप महानिदेशक सुशील नरसिंह राजभंडारी ने इस बात की जानकारी दी है।
भारत-चीन के मुताबिक ये है एवरेस्ट की हाइट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 1954 में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा मापी गई माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर थी, जबकि 1975 में चीनी सर्वेक्षकों ने पर्वत की ऊंचाई मापी थी तो वह समुद्र तल से 8,848.13 मीटर ऊपर बतायी थी। आपको बता दें कि नेपाल द्वारा साल 2020 में मापी गई माउंट एवरेस्ट ऊंचाई के मुताबिक पर्वत की हाइट 8848.86 मीटर है। यह ऊंचाई भारत और चीन द्वारा पेश किए गए आकड़ों से अधिक है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट को नेपाल में सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है।
नेपाल सरकार ने चलाया था अभियान
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने मंगलवार को बताया कि नेपाल सरकार ने 2015 में आए भूकंप के बाद से ही माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई को मापने का लक्ष्य रखा था। अभियान शुरू करने से पहले नेपाल सरकार ने उम्मीद जताई थी कि भूंकप सहित कई कारणों के चलते एवरेस्ट की ऊंचाई में अंतर आ सकता है। हालांकि सामने आए आंकड़ों की माने तो एवरेस्ट की ऊंचाई घटी नहीं है बल्कि बढ़ गई है। माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई का सही माप लेने के लिए नेपाल के सर्वेक्षण विभाग की टीम पिछले एक साल से डेटा कलेक्ट कर रही है।
क्या इस अभियान में चीन ने दिया नेपाल का साथ?
कई मीडिया रिपोर्ट में ऐसा भी कहा जा रहा है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने के लिए चीन ने भी नेपाल का साथ दिया है। 13 अक्टूबर 2019 में चीन और नेपाल के बीच पर्वत की ऊंचाई को मापने के लिए आपसी सहमति बनी थी। इस समझौते के अनुसार नेपाल और चीन मिलकर माउंट झूमलांगमा और सागरमाथा की ऊंचाई का ऐलान करेंगे। हालांकि इस समझौते में माउंट एवरेक्ट की ऊंचाई को संयुक्त रूप से मापने का जिक्र नहीं है, लेकिन आपसी सहयोग की बात जरूर कही गई थी। इस बीच मंगलवार को नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई का ऐलान कर दिया गया है।
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