नेपाल: काठमांडू में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, इस वजह से नाराज हुए लोग
नई दिल्ली- पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अब नेपाल के लोगों का गुस्सा भड़कने लगा है। पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतों के बढ़ते दबदबे की वजह से वहां आए दिन अल्पसंख्यकों, मसलन- हिंदुओं, बौद्धों और सिखों के धर्म स्थलों पर हमले की खबरें आती हैं। कई मामलों में तो मौजूदा इमरान खान सरकार कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकते नजर आई है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर शुक्रवार को काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास के सामने भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। हालांकि, बाद में पाकिस्तान दूतावास की शिकायत पर सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया।
पाकिस्तानी हिंदुओं की रक्षा के लिए नेपाल में प्रदर्शन
शुक्रवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ है। यह प्रदर्शन नेपाल के सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ और भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं और मंदिरों को तोड़े जाने के विरोध में किया है। राष्ट्रीय एकता अभियान के सदस्य हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के कार्यों की निंदा करते हुए मार्च करते हुए पाकिस्तानी दूतावास तक पहुंच गए थे, लेकिन उसके बाद सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। पाकिस्तान दूतावास में मौजूद पाकिस्तानी अधिकारियों-कर्मचारियों को जैसे ही प्रदर्शनकारियों की भनक लगी उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दे दी और पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए पोस्टर-बैनर जब्त कर लिए और प्रदर्शनकारियों को बस में बिठाकर उसी स्थान की ओर रवाना कर दिया, जहां से वे पहुंचे थे।
दुनियाभर के हिंदुओं को एकजुट होने की अपील
पाकिस्तानी दूतावास के पास चक्रपथ चौक से पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को हटा दिया तब एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि, 'सच में वैसा ही अत्याचार अब नेपाल में भी शुरू हो गया है। प्रदर्शन करना हमारा नागरिक अधिकार है।' प्रदर्शनकारियों की शिकायत थी कि उन्हें पाकिस्तानी दूतावास के कहने पर जबरन हटा दिया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथ में जो तख्तियां ले रखी थीं, उसमें 'पाकिस्तानी हिंदुओं की रक्षा के लिए विश्व भर के हिंदू एक हों' जैसे नारे लिखे हुए थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि पाकिस्तान की सरकार अल्पसंख्यक पर जो बर्बरता कर रही है, और इसकी वजह से पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को जो अत्याचार सहना पड़ रहा है, उसके लिए दुनियाभर के हिंदुओं को एकजुट हो जाना चाहिए।
पाकिस्तान में असुरक्षित हो चुके हैं अल्पसंख्यक
पिछले महीने इस्लामाबाद हिंदू पंचायत ने श्री कृष्ण मंदिर के बाउंडरी वॉल के निर्माण को रोकने की घोषणा कर दी थी, जिसे कि वहां के उग्रवादी और कट्टरपंथी ताकतों की भीड़ ने तोड़ दिया था। जनवरी महीने में मानवीयता के दुश्मनों ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थारपार्कर इलाके के चाचरो स्थित माता रानी भटियानी मंदिर को भी तोड़ दिया था और माता रानी भटियानी की प्रतिमा को भी अपवित्र करके उसपर कालिख पोत दिया था। यह घटना पाकिस्तान के पंजाब में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हुए हमले के तुरंत बाद किया गया था। वैसे पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की तोड़ने की ये कोई पहली घटना नहीं थी। पिछले साल ही सिंध प्रांत में ही कट्टरपंथी ताकतों ने हिंदू बस्ती पर हमला बोला था, जिसके बाद दंगे भड़क गए थे। उग्र दंगाइयों ने हिंदुओं के घरों, दुकानों और पूजा स्थलों में जमकर उतपात मचाया था।